Fact Check: राजस्‍थान में महिला से दरिंदगी की यह घटना करीब चार साल पुरानी है, चार दोषियों को हुई थी उम्रकैद

राजस्‍थान के अलवर में महिला से दरिंदगी का यह मामला अप्रैल 2019 का है। इसमें चार दोषियों को उम्रकैद और वीडियो वायरल करने वाले दोषी को पांच साल कैद की सजा हुई थी।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मणिपुर का झकझोर देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद राजस्‍थान की एक घटना भी शेयर की जा रही है। इसमें एक निर्वस्‍त्र महिला से अभद्रता करते दो युवकों की तस्‍वीर को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राजस्‍थान में एक दलित महिला से उसके पति के सामने गैंगरेप किया गया और फिर उसका वीडियो वायरल कर दिया। इसे शेयर कर यूजर्स मणिपुर घटना की निंदा करने वालों पर निशाना साध रहे हैं कि उन्‍होंने इस मामले में कुछ नहीं बोला। मणिपुर का वीडियो सामने आने के बाद जिस तरह से यूजर्स इसे शेयर रहे हैं, इससे लग रहा है कि यह घटना हाल की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि राजस्‍थान के अलवर में यह घटना करीब चार साल पहले 2019 में हुई थी। इस मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा, जबकि वीडियो वायरल करने के दोषी को पांच साल की कैद हुई थी। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

ब्‍लू टिक यूजर ‘योगी देवनाथ‘ (आर्काइव लिंक) ने 20 जुलाई को तस्‍वीर ट्वीट करते हुए लिखा,

राजस्थान एक दलित महिला से उसके पति के सामने किया गया सामूहिक दुष्कर्म, आरोपियों ने वीडियो बनाकर किया वायरल। कितने एजेंडा प्रचारकों ने पीड़ा और क्रोध व्यक्त किया?

मेरा धर्म कहता है महिला कोई भी हो कहीं की भी हो अगर उसके साथ ग़लत हो रहा है हमें आवाज़ उठानी चाहिए”

फेसबुक यूजर ‘रामसखा मिश्रा‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 21 जुलाई को तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए समान दावा किया।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। 5 अगस्‍त 2019 को ब्रेकिंग ट्यूब नाम की एक वेबसाइट पर छपी खबर में वायरल तस्‍वीर अपलोड मिली। इसमें लिखा है, “मामला राजस्‍थान के अलवर के थानागाजी थाना क्षेत्र का है। वहां दबंगों ने एक महिला का उसके पति के सामने गैंगरेप किया। बाद में आरोपियों ने उसका वीडियो भी वायरल कर दिया था। घटना 26 अप्रैल की है। आरोपियों ने उनको रिपोर्ट दर्ज कराने पर वीडियो वायरल करने और महिला के पति की हत्‍या करने की धमकी दी थी। इस वजह से पीड़ितों ने घटना की रिपोर्ट 2 मई को दर्ज कराई थी। पुलिस ने चार दिन बाद इस मामले का संज्ञान लेते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी की तलाश की जा रही है।”

9 मई 2019 को न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर भी इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है, “अलवर में पति के सामने महिला से दरिंदगी करने वाले पांच में से चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। पुलिस वीडियो वायरल करने वाले आरोपी को भी गिरफ्तार कर चुकी है। अभी एक आरोपी फरार है। इस मामले में सरकार के खिलाफ विपक्ष ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया, जबकि भीम आर्मी अब ‘जयपुर बंद’ के नाम पर अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है।”

6 अक्‍टूबर 2020 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, “अलवर में हुई दरिंदगी की घटना में कोर्ट ने चार आरोपियों को गैंगरेप का दोषी करार दिया है, जबकि वीडियो वायरल करने वाले एक आरोपी को आईटी एक्‍ट के तहत दोषी पाया गया है। कोर्ट ने दोषी हंसराज, इंद्राज, अशोक और छोटेलाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि वीडियो वायरल करने के दोषी मुकेश को पांच साल कैद की सजा दी गई है।”

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने जयपुर में दैनिक जागरण के ब्‍यूरो प्रभारी नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उनका कहना है, “अलवर का मामला करीब चार साल पुराना है। इस मामले में चार दोषियों को उम्रकैद हुई थी। राज्‍य सरकार ने पीड़िता को कॉन्स्टेबल की नौकरी भी दी थी।

पड़ताल के अंत में हमने पुराने मामले को हाल का समझकर शेयर करने वाले ट्विटर यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं और उनके 13 लाख से ज्‍यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: राजस्‍थान के अलवर में महिला से दरिंदगी का यह मामला अप्रैल 2019 का है। इसमें चार दोषियों को उम्रकैद और वीडियो वायरल करने वाले दोषी को पांच साल कैद की सजा हुई थी।

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