Fact Check : गुजरात रैली में राहुल के ट्रांसलेटर ने परेशान होकर नहीं छोड़ा मंच, वायरल दावा राजनीतिक दुष्प्रचार

विश्वास न्यूज की पड़ताल में राहुल गांधी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। लोगों ने राहुल गांधी से भाषण को हिंदी में जारी रखने के लिए कहा था। जिसके बाद ट्रांसलेटर मंच से चला जाता है और वो लोगों के अनुरोध पर अपना भाषण हिंदी में जारी रखते हैं। दुष्प्रचार की मंशा से राहुल गांधी के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। गुजरात चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोरो-शोरों से रैलियां और जनसभाएं करने में लगी हुई हैं। इसी बीच कुछ दिन पहले कांग्रेस की तरह से राहुल गांधी भी गुजरात में रैली करने के लिए पहुंचे थे। इस रैली से जुड़ा उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे शेयर कर यूजर्स दावा किया जा रहा है कि गुजरात में रैली के दौरान उनका ट्रांसलेटर उनके भाषण से परेशान होकर मंच से चला गया। 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। लोगों ने राहुल गांधी से भाषण को हिंदी में जारी रखने के लिए कहा था। जिसके बाद ट्रांसलेटर मंच से चला जाता है और वो लोगों के अनुरोध पर अपना भाषण हिंदी में जारी रखते हैं। दुष्प्रचार की मंशा से राहुल गांधी के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर वंशराज दुबे ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “गुजरात में कांग्रेस के विधायक और नेता तो छोड़िए यहाँ, चलते भाषण में राहुल गांधी का ट्रांसलेटर भी मंच छोड़कर भाग जा रहें हैं।”#GujaratElections2022

पोस्ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट लाइव मिंट के वेबसाइट पर 21 नवंबर 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, रैली में कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी राहुल गांधी के भाषण को गुजराती में ट्रांसलेट कर रहे थे। तभी लोगों ने राहुल गांधी से भाषण हिंदी में जारी रखने के लिए कहा था। जिसके बाद भरत सिंह सोलंकी मंच से चले जाते हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स सहित कई अन्य न्यूज वेबसाइट ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें रैली का पूरा वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 21 नवंबर 2022 को शेयर किया गया था। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो सूरत जिले के महुवा में की गई एक रैली का है। वीडियो में 38 मिनट 7 सेकेंड से वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है। राहुल गांधी लोगों को अपने बचपन का एक हिस्सा सुना रहे होते हैं, तभी लोग उनसे हिंदी में भाषण जारी रखने के लिए कहते हैं। फिर वो राहुल गांधी से कहते हैं कि आप अपना भाषण हिंदी में जारी रखिए। लोग समझ जाएंगे, ये आपकी हिंदी समझते हैं। इस पर राहुल गांधी कहते हैं, सचमुच हिंदी समझ जाएंगें। इसके बाद भरत सिंह सोलंकी मंच से चले जाते हैं।

सर्च के दौरान हमें भरत सिंह सोलंकी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर वायरल दावे से जुड़ा एक वीडियो मिला। भरत सिंह सोलंकी ने 21 नवंबर 2022 को अपना एक वीडियो शेयर करते हुए बताया है कि लोगों ने राहुल गांधी से भाषण हिंदी में जारी रखने के लिए अनुरोध किया था। लोग उनके भाषण को हिंदी में सुनना चाहते थे। इसलिए मैंने ट्रांसलेशन करना बंद कर दिया था और अपनी सीट पर जाकर बैठ गया था। लोग सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा शेयर कर रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने गुजरात में दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि गुजरात दैनिक जागरण के एक रिपोर्टर ने इस रैली को कवर किया था। वायरल दावा गलत है। भरत सिंह सोलंकी रैली में राहुल गांधी के भाषण को गुजराती में ट्रांसलेट कर रहे थे। फिर लोगों के कहने पर राहुल गांधी ने हिंदी में भाषण दिया और वो अपनी सीट पर चले गए।

पड़ताल के अंत में हमने राहुल गांधी के वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर वंशराज दुबे  की जांच की। जांच में पता चला कि फेसबुक पर यूजर के 32 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स  हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में राहुल गांधी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। लोगों ने राहुल गांधी से भाषण को हिंदी में जारी रखने के लिए कहा था। जिसके बाद ट्रांसलेटर मंच से चला जाता है और वो लोगों के अनुरोध पर अपना भाषण हिंदी में जारी रखते हैं। दुष्प्रचार की मंशा से राहुल गांधी के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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