Fact Check: दलितों व आदिवासियों को “अपराधी” बताए जाने के दावे से वायरल राहुल गांधी का वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और FAKE है

राहुल गांधी के गरीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को "अपराधी" बताए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है।  वास्तव में उन्होंने मनरेगा, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों के साथ जेलों में बंद कैदियों की सामाजिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान के जेलों में बंद सबसे ज्यादा संख्या पिछड़े, दलितों, आदिवासियों और गरीबों की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने एक भाषण के दौरान कथित तौर पर यह कहा कि सिर्फ गरीब, पिछड़े, दलित और आदिवासी ही अपराध करते हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल वीडियो क्लिप को ऑल्टर्ड पाया, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है और इस वजह से राहुल गांधी के बयान का मतलब बदल जा रहा है। वास्तव में उन्होंने मनरेगा, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों के साथ जेलों में बंद कैदियों की आर्थिक-सामाजिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान की जेलों में बंद सबसे ज्यादा संख्या पिछड़े, दलितों, आदिवासियों और गरीबों की है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘muddekibaat_’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसे करीब एक लाख लोग लाइक कर चुके हैं।

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

पड़ताल

वायरल वीडियो क्लिप में राहुल गांधी को कहते हुए सुना जा सकता है, “…..जेलों की लिस्ट में आपको पिछड़े मिलेगे, दलित मिलेंगे, आदिवासी मिलेंगे….एक अमीर व्यक्ति आपको हिंदुस्तान की जेल में नहीं मिलेगा।”

स्पष्ट है कि यह वीडियो क्लिप राहुल गांधी के भाषण का एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो क्लिप के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो हमें राहुल गांधी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे 25 फरवरी 2024 को लाइव स्ट्रीम किया गया था।

“भारत जोड़ो न्याय यात्रा” के दौरान राहुल गांधी ने अलीगढ़ में एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। वीडियो को 1 घंटा 5 मिनट के फ्रेम से सुनने पर वायरल क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। राहुल गांधी कहते हैं,  “……अगर आप समझना चाहते हो कि 90 परसेंट लोग कहां काम करते हैं….दलित, पिछड़े, माइनॉरिटी के लोग कहां काम करते हैं, मैं आपको बताता हूं। इस देश में आपकी जगह मैं आपको बताता हूं…आप मनरेगा की लिस्ट निकालो, उसमें आपको सब पिछड़े दिख जाएंगे, सब दलित दिख जाएंगे, सब आदिवासी दिख जाएंगे…सब माइनॉरिटी दिख जाएंगे….आप कॉन्ट्रैक्ट लेबर की लिस्ट निकालो….(भीड़ से जवाब आने पर राहुल गांधी कहते हैं, शानदार, बिल्कुल  शानदार…सच शानदार होता है)।”

वह आगे कहते हैं, “आप कॉन्ट्रैक्ट लेबर की लिस्ट निकालो, आप सफाई कर्मचारियों की लिस्ट निकालो….उसमें आपको मिलेंगे…दलित मिलेंगे, आदिवासी मिलेंगे…माइनॉरिटी मिलेंगे, पिछड़े मिलेंगे। ये सच्चाई है हिंदुस्तान की…बहुत बहुत धन्यवाद, क्योंकि मैं सच बोलता हूं। अच्छा….(थोड़ा रुककर) जेलों की लिस्ट निकालो, जेलों की लिस्ट में आपको पिछड़े  मिलेंगे, दलित मिलेंगे, आदिवासी मिलेंगे….एक अमीर व्यक्ति आपको हिंदुस्तान की जेल में नहीं मिलेगा।”

स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने देश की आबादी के एक बड़े हिस्से की पहुंच का जिक्र उनकी आर्थिक-सामाजिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में कर रहे थे। वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल वीडियो क्लिप को एडिटेड बताते हुए कहा, “राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं और इस वजह से सत्ता पक्ष उनसे घबराया हुआ है। इसलिए उनके खिलाफ दुष्प्रचार की ऐसी कोशिशें की जा रही हैं।”

ऑल्टर्ड वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब 500 लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: राहुल गांधी के गरीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को “अपराधी” बताए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है।  वास्तव में उन्होंने मनरेगा, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों के साथ जेलों में बंद कैदियों की सामाजिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान के जेलों में बंद सबसे ज्यादा संख्या पिछड़े, दलितों, आदिवासियों और गरीबों की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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