यूपी के रायबरेली में युवक को पीटने के मामले को गलत रंग देकर शेयर किया जा रहा है। इसमें पीड़ित और आरोपी दोनों ही सामान्य जाति के हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश के रायबरेली को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक दूसरे शख्स को पीटते हुए दिख रहा है। कुछ यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पिटने वाला युवक दलित है।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला है कि पीड़ित और आरोपी दोनों ही सामान्य जाति के हैं। इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Anil Murmu ने 19 सितंबर को वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
“योगी के राम राज्य उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हिन्दू ख़तरे में है…
ये देखिये कैसे एक हिन्दू (दलित) युवक अमन को ऊँची जाति वाले ने जूता चटवाया… साथ ही उसको बुरी तरह पीटा भी गया… पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज होने पर दीपक सोनी, उदित सिंह, योगेश सिंह, अखिलेश सिंह, विपिन सिंह, सचिन सोनी, मनी सोनी, आयुष और रूपचंद अग्रहरि को गिरफ्तार किया गया… साथ ही तीन अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है… अब देखना ये है कि इन आरोपियों को सज़ा भी मिलती है कि नहीं… जिम्मेदार कौन?…“
एक्स यूजर Bahujan Samaj ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।
वायरल दावे की जांच के लिए हमने एक्स यूजर Bahujan Samaj की पोस्ट को स्कैन किया। इसके कमेंट सेक्शन में रायबरेली पुलिस के एक्स हैंडल से पोस्ट कर जानकारी दी गई है कि यह घटना 21 अगस्त 2024 की है। इसमें पीड़ित और आरोपी दोनों सामान्य जाति के हैं। ऊंचाहार थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। दोनों पक्ष अपराधी प्रवृत्ति के हैं।
दैनिक जागरण के रायबरेली संस्करण में 19 सितंबर को छपी खबर के अनुसार, मामला ऊंचाहार थाना क्षेत्र का है। पीड़ित अमन सिंह के मुताबिक, वह 21 अगस्त को वह बाइक से घर जा रहा था। रास्ते में एक कार ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। इसके बाद कार सवार युवक उसका अपहरण कर उसे दूसरी जगह ले गए। वहां उन्होंने अमन को पीटा और एक आरोपी ने उससे अपने जूते चटवाए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित को छुड़ाया। एसपी ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। शिकायत के आधार पर छोटू सिंह, पिंकू सिंह, दीपक सोनी, उदित सिंह, विपिन सिंह, मोहित, अंकित, वीर सिंह, सचिन सोनी, मनी सोनी, रूप चंद अग्रहरि, आग्रुप व तीन अन्य अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है।
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है।
इस बारे में हमने रायबरेली में दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर पुलक त्रिपाठी से बात की। उनका कहना है कि दोनों ही सामान्य जाति के हैं। पीड़ित के दलित होने का दावा गलत है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। उन्होंने हमें एफआईआर की कॉपी भी भेजी।
वीडियो को गलत दावे से शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। बोकारो स्टल सिटी के रहने वाले यूजर के दो हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: यूपी के रायबरेली में युवक को पीटने के मामले को गलत रंग देकर शेयर किया जा रहा है। इसमें पीड़ित और आरोपी दोनों ही सामान्य जाति के हैं।
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