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Fact Check: कतर के अमीर ने भारतीय मुस्लिमों को नहीं बताया धर्मांतरित, पुराने भाषण का अंश FAKE दावे से वायरल

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के दोहा फोरम के 2017 के संबोधन के वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। थानी ने विकास, स्थिरता और शरणार्थी मुद्दे वाले थीम पर आधारित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि फिलिस्तीन का मुद्दा उन लोगों से संबंधित मुद्दा है, जो अपनी जमीन से विस्थापित कर दिए गए थे। इसी वीडियो क्लिप को एडिट कर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने भारतीय मुस्लिमों को धर्मांतरित मुस्लिम बताते हुए गाजा मुद्दे पर अरब देशों को सलाह नहीं देने की अपील की है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Oct 20, 2023 at 03:41 PM
  • Updated: Oct 20, 2023 at 03:53 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के संदर्भ में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो क्लिप को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि खाड़ी देश कतर के अमीर ने भारतीय मुस्लिमों को धर्मांतरित मुस्लिम बताते हुए उन्हें अरब देशों से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप करने से मना किया है। इस दावे के साथ उनके एक वीडियो क्लिप को शेयर कर बताया जा रहा है कि अरब देशों पर गाजा के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाए जाने के बाद उन्होंने भारतीय मुस्लिमों को धिक्कारते हुए यह जवाब दिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का ही है, लेकिन यह पुराना वीडियो है, जिसमें उन्हें फिलिस्तीन मुद्दे के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। 2017 के इस पुराने वीडियो में वह फिलिस्तीनी मुद्दे को जमीन से विस्थापित लोगों का मुद्दा बता रहे हैं। उनके भाषण में कहीं भी भारतीय मुस्लिमों और उनके धर्मांतरित होने का जिक्र नहीं है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Sangeeta Puri’ ने वायरल वीडियो क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “कतर के अमीर: “भारतीय मुसलमानों को अरब मुद्दों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए। हमें परिवर्तित मुसलमानों से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है (अरब दुनिया पर गाजा के लिए बहुत कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए)। यदि वे गाजा के लोगों के बारे में इतने चिंतित हैं, तो उन्हें अपनी उड़ानें बुक करनी चाहिए और गाजा के लोगों को बचाना चाहिए।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो क्लिप में नजर आ रहे व्यक्ति को अरबी भाषा में बोलते हुए सुना जा सकता है और इस क्लिप के साथ नजर आ रहे कैप्शन (अंग्रेजी) में लिखा हुआ है, “……भारतीय मुस्लिमों को अरब मुद्दों में दखल देने से बचना चाहिए। हमें धर्मांतरित मुस्लिमों से गाजा पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, जो अरब देशों पर गाजा की बहुत अधिक मदद नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर वे गाजा के बारे में इतने ही चिंतित हैं तो उन्हें फ्लाइट लेकर गाजा पहुंचना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए।”

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह ‘Aljazeera Mubasher’ के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला, जिसे 14 मई 2107 को अपलोड किया गया है।

दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो 17वें दोहा फोरम में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के संबोधन का है। इस फोरम का थीम “डेवलपमेंट , स्टेबिलिटी और रिफ्यूजी इश्यू” था।

हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो क्लिप हाल का नहीं, बल्कि पुराना है और इसका हालिया इजरायल-हमास संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।

वायरल वीडियो क्लिप में नजर आ रहे अरबी टेक्स्ट को गूगल लेंस की मदद से ट्रांसलेट करने पर भी हमें इसमें भारतीय मुस्लिमों का कोई संदर्भ नहीं मिला। थानी का पूरा संबोधन अरबी में हैं और इसी भाषण का एक अंश (0.25 सेकेंड का फ्रेम) सोशल मीडिया पर भारतीय मुस्लिमों को धिक्कारे जाने के दावे से वायरल हो रहा है। इसे समझने के लिए विश्वास न्यूज ने फिलिस्तीनी फैक्ट चेकर रिहम अबू इता से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि क्लिप में थानी भारतीय मुस्लिमों के बारे में नहीं, बल्कि फिलिस्तीनी मुद्दे के बारे में बोल रहे हैं। वह कह रहे हैं, “फिलिस्तीन का मुद्दा उन लोगों की वजह से शुरू हुआ, जो कभी अपने घरों और मातृभूमि से विस्थापित कर दिए गए थे।”

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने गल्फ न्यूज के पूर्व संपादक बॉबी नकवी से भी संपर्क किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का राष्ट्राध्यक्ष अन्य देशों के नागरिकों को लेकर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करता है। उन्होंने बताया, “वीडियो क्लिप में वह कह रहे हैं कि फिलिस्तीन का मुद्दा उन लोगों की वजह से शुरू हुआ मसला है, जो कभी अपने घरों से विस्थापित कर दिए गए थे।”

स्पष्ट है कि वायरल वीडियो क्लिप के साथ जोड़ा गया टेक्स्ट, जिसमें कतर के अमीर को भारतीय मुस्लिमों के बारे में आपत्तिजनक बयान देते हुए दिखाया गया है, वह एडिटेड है । उनके अरबी में दिए गए भाषण में कही गई बातों को मनगढंत बयान से जोड़ दिया गया है। थानी के इस कार्यक्रम को संबोधित किए जाने का वीडियो दोहा फोरम के यू-ट्यूब चैनल पर भी मौजूद है।

इजरायल-हमास संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तेल अवीव का दौरा कर चुके हैं। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, सउदी अरब ने इस बीच गाजा मुद्दे को लेकर मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाई थी। 18 अक्टूबर को हुई इस बैठक के नतीजों की जानकारी oic-oci.org की वेबसाइट पर मौजूद है।

इजरायल-हमास संघर्ष के बाद सोशल मीडिया पर इससे संबंधित भ्रामक और फेक दावों की बाढ़-सी आ गई है। विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर इससे संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 12 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के दोहा फोरम के 2017 के संबोधन के वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। थानी ने विकास, स्थिरता और शरणार्थी मुद्दे वाले थीम पर आधारित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि फिलिस्तीन का मुद्दा उन लोगों से संबंधित मुद्दा है, जो अपनी जमीन से विस्थापित कर दिए गए थे। इसी वीडियो क्लिप को एडिट कर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने भारतीय मुस्लिमों को धर्मांतरित मुस्लिम बताते हुए गाजा मुद्दे पर अरब देशों को सलाह नहीं देने की अपील की है।

  • Claim Review : कतर के आमिर ने भारतीय मुस्लिमों को धर्मांतरित बताते हुए उन्हें अरब देशों के मुद्दे से दूर रहने की सलाह दी।
  • Claimed By : FB User-Sangeeta Puri
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