विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में नीले रंग का फल दिख रहा है। इस पोस्ट में तस्वीर के साथ लिखा है कि यह फल मून मेलन है। इसका वैज्ञानिक नाम एसिडस (asidus) बताया जा रहा है। इस पोस्ट में आगे दावा किया गया है कि यह जापान में पैदा होता है और इसे खाने के बाद आपके स्वाद में बदलाव आ जाता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट फर्जी निकली है।
क्या है वायरल पोस्ट में
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इस पोस्ट में नीले रंग का फल दिख रहा है। इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी में लिखा है, ‘मूनमेलन (वैज्ञानिक नाम एसिडस), यह फल जापान के कुछ हिस्सों में पैदा होता है और यह अपने नीले रंग के लिए जाना जाता है। इस फल को खाने के बाद आप जो भी खाते हैं उसका स्वाद बदल जाता है। आप जो भी खट्टी चीज खाएंगे वो मीठी हो जाएगी, नमकीन चीजों का स्वाद कड़वा हो जाएगा और पानी का स्वाद संतरे जैसा हो जाएगा।’
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने इस दावे को इंटरनेट पर सर्च कर अपनी पड़ताल शुरू की। हमने पाया कि यह पोस्ट विभिन्न सोशल मीडिया पर अलग-अलग रूपों में शेयर की जा रही है।
ये है ऐसी दूसरी पोस्ट
इसी तरह की एक दूसरी पोस्ट में कुछ ऐसा ही दावा है। इसमें लिखा है, ‘यह मूनमेलन है जिसका वैज्ञानिक नाम एसिडस है। यह फल जापान के कुछ हिस्सों में पैदा होता है। इसे इसके अजीबोगरीब नीले रंग से जाना जाता है। आप इस फल के बारे में एक ये खास बात नहीं जानते कि ये आपके द्वारा खाए जाने वाली चीजों के स्वाद बदल सकता है। खट्टी चीजें मीठी हो जाएंगी, नमकीन चीजें कड़वी हो जाएंगी और ये पानी का स्वाद भी संतरे जैसा कर देता है। यह काफी महंगा है और करीब 16000 JPY (करीब 200 डॉलर) का पड़ता है।’
इस पोस्ट की वायरल तस्वीर 2011 से ही ऑनलाइन शेयर की जा रही है। हमने जब एसिडस नाम के बारे में सर्च किया तो ऐसा कोई फल नहीं मिला जिसका ये वैज्ञानिक नाम हो।
इस पोस्ट में आगे दावा किया गया है कि मूनमेलन खाने के बाद आप जो चीज खाएंगे उसका स्वाद बदल जाएगा। विश्वास न्यूज ने इस दावे की भी पड़ताल की। हमें पता चला कि ऐसा एक फल जरूर है जो आपके स्वाद को बदल सकता है लेकिन यह मूनमेलन नहीं है। दरअसल यह एक छोटी रेड बेरी है जिसे चमत्कारिक फल का नाम दिया गया है।
WIRED के मुताबिक, जब आप रेड बेरी को करीब एक घंटे तक मुंह में रखते हैं तो इसका जूस आपकी जीभ पर परत के रूप में जम जाता है। इसके बाद नींबू, विनेगर जैसी खट्टी चीजें जादू की तरह मीठे स्वाद में बदल जाती हैं। यह बेरी और इसका पौधा पश्चिमी अफ्रीका में पैदा होता है।
ब्रिटैनिका के मुताबिक, यह जादुई फल (Synsepalum dulcificum) जिसे जादुई बेरी भी कहते हैं Sapotaceae (सदाबहार झाड़ी) परिवार का हिस्सा है। इसे फल के लिए उगाया जाता है और ये खट्टी चीजों का स्वाद मीठे में बदल देता है। यह पौधा उष्णकटिबंधीय पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है। वहां इसका इस्तेमाल पॉम वाइन और दूसरे पेय पदार्थों को मीठा करने में किया जाता है। इसके अलावा स्वीट प्रेयर प्लांट (Thaumatococcus daniellii) को भी चमत्कारिक फल के रूप में जाना जाता है। यह भी खट्टी चीजों के स्वाद को मीठा कर देता है।
विश्वास न्यूज ने इस संबंध में एनडीएमसी में हॉर्टिकल्चर असिस्टेंट डायरेक्टर नीरज कांत से बात की। उन्होंने कहा, ‘इस वायरल तस्वीर में जिस फल को मून मेलन बताया जा रहा है वह फर्जी है। ऐसा लगता है कि तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसा कोई फल है ही नहीं।’
निष्कर्ष
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है कि नीले रंग का यह फल मून मेलन है। इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है।
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