Fact Check: नारियल के तेल और इलायची से डेंगू के रोकथाम व इलाज के नाम पर वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 48 घंटों में डेंगू के इलाज का वायरल किया जा रहा यह दावा भ्रामक है। हमें ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला, जिससे यह बात साबित हो कि नारियल का तेल लगाने से डेंगू से बचा जा सकता हो। वहीं, इस वायरल पोस्ट के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू बीमारी का हर मरीज़ पर असर अलग-अलग होता है। कोई एक दवा सबके लिए कारगर नहीं हो सकती। डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।

Fact Check: नारियल के तेल और इलायची से डेंगू के रोकथाम व इलाज के नाम पर वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मानसून का मौसम आते ही डेंगू मलेरिया जैसे कई मामले बढ़ने लगते हैं और इसी बीच इसके उपचार के नाम पर कई भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल होने शुरू हो जाती हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर से डेंगू को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि नारियल का तेल अगर घुटनों के नीचे लगाया जाए तो डेंगू से बचा जा सकता है। वहीं, अगर किसी को डेंगू हो गया हो, तो उसे हरी इलाइची के दानों को  मुंह में रखने की सलाह दी गई है। इस पोस्ट में यूपेटोरियम परफोइयम 200 नाम की एक दवा भी शेयर की गई है, जिसके साथ दावा किया जा रह है कि यह डेंगू को 48 घंटों में ठीक कर देती है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 48 घंटों में डेंगू के इलाज का वायरल किया जा रहा यह दावा भ्रामक है। हमें ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला, जिससे यह बात साबित हो कि नारियल का तेल लगाने से डेंगू से बचा जा सकता हो। वहीं, इस वायरल पोस्ट के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू बीमारी का हर मरीज़ पर असर अलग-अलग होता है। कोई एक दवा सबके लिए कारगर नहीं हो सकती। डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, ”जनहित सर्वोपरि। डेंगू बुखार फैल रहा है।  अपने घुटनों से पैर के पंजे तक नारियल का तेल (coconut oil) लगायें। यह एक एंटीबायोटिक परत की तरह सुबह से शाम तक काम करता है। डेंगू का मच्छर घुटनों तक की ऊँचाई से ज्यादा नही उड़ सकता है। किसी को dengu हुआ हो तो हरी ईलायची के दानो को मुंह में दोनो तरफ रखे, ख्याल रहे , चबाये नही. खाली मुँख में रखने से ही खून के कण नार्मल और प्लेटलेट्स तुरंत ही बढ़ जाते हैं । पपीते के पत्ते का रस अथवा पपीते के पत्ते का क्वाथ सेवन करने से बहुत तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ती है. बुखार होने पर नीम गिलोय तुलसी अथवा ज्वर नाशक क्वाथ जरूर पिए, यह संदेश सभी को भेजने नम्र विनंती है . डेंगू को 48 घंटे मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाली दवा ।   कृपया इस संदेश को अधिक से अधिक लोगो तक भेजे महत्वपूर्ण सूचना :- यदि किसी को डेगूँ या साधारण बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो गयी है तो एक होमोपेथिक दवा है। EUPATORIUM PERFOIAM 200 liquid dilution homeopathic medicine. इसकी 3 या 4 बूँदें प्रत्येक 2-2 घँटें में साधारण पानी में ड़ाल कर मात्र 2 दिन पिलायें । जय जय भारत जय जय भारत जय जय भारत।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने नारियल के तेल और इलायची से जुड़े वायरल दावा की पड़ताल की। अमेरिकी सरकार की अधिकारिक वेबसाइट सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) पर हमें डेंगू के रोकथाम से सम्बंधित एक आर्टिकल मिला, जिसमें बताया गया कि, डेंगू से बचने के लिए इन्सेक्ट रेपलेंट (कीट विकर्षक) का इस्तेमाल करें। ढीले लंबी आस्तीन वाली शर्ट और पैंट पहनें। इसके अलावा अपने घर में और उसके आस-पास मच्छरों को न पनपने दें। इस आर्टिकल में हमें कहीं भी नारियल के तेल से डेंगू से बचाव  का जिक्र नहीं मिला।

वहीं, यूनिसेफ की वेबसाइट पर डेंगू से बचने के उपायों में बताया गया है कि पानी इकट्ठा करने वाले किसी भी कंटेनर को नियमित रूप से खाली करें, ढकें। मच्छर भगाने वाली कॉइल का उपयोग करें। स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा सलाह दिए गए मच्छर भगाने वाले रेपलेंट का इस्तेमाल करें। (नींबू नीलगिरी (OLE) या पैरा-मेंथेन-डायोल (PMD) के तेल वाले उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं, इस आर्टिकल में हमें माइल्ड डेंगू के इलाज से समंधित जानकारी भी मिली। दी गई मालूमात के मुताबिक, डेंगू के मरीज को हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पीना चाहिए। पौष्टिक भोजन खाना चाहिए। डॉक्टर के सलाह से दर्द और बुखार से राहत पाने के लिए पैरासिटामोल ले सकते हैं। इस आर्टिकल में हमें कहीं भी नारियल का तेल या इलाइची से जुड़ी कोई जानकरी नहीं मिली।

 यह पोस्ट सोशल मीडिया पर इससे पहले भी वायरल हो चुकी है और उस वक्त हमने मुज़फ्फरनगर के खतौली के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अवनीश कुमार सिंह से बात की थी। उन्होंने हमें बताया, “डेंगू बुखार की अलग-अलग श्रेणियां हैं और इसका इलाज बीमारी की गहनता पर निर्भर करता है। आम बुखार पैरासिटामोल  से उतर जाता है और ऐसे में ठंडे पानी से स्पंज करने से भी राहत मिल सकती है। मगर बीमारी के जटिल होने पर अस्पताल में भर्ती करना ज़रूरी हो जाता है। जहां तक रही वायरल पोस्ट की बात तो ऐसा कोई रिसर्च नहीं है, जिससे ये कहा जा सके कि नारियल का तेल या इलायची डेंगू में कारगर हैं। कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।”

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल पोस्ट में डेंगू के 48 घंटे के अंदर के इलाज का दावा करती EUPATORIUM PERFOIAM 200 liquid dilution होम्योपैथिक दवा के बारे में सर्च किया। मिली जानकारी के अनुसार, यह एक होम्योपैथी दवा है, जो अंगों और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है इसके अलावा डेंगू और मलेरिया के मामलों में उपयोगी साबित होती है। इस दवा के बारे में हमें कई वेबसाइट पर जानकारी मिली, लेकिन यहां भी 48 घंटे के अंदर डेंगू ठीक करने जैसा कोई दावा नहीं मिला।

वहीं, इस बारे में होम्योपैथिक डॉक्टर और आयुष मिनिस्ट्री के पूर्व एडवाइजर डॉक्टर नवल वर्मा का कहना था, “यूपेटोरियम परफोइयम एक होम्योपैथिक उपचार है, जो डेंगू में काफी प्रभावी है। हाँ मगर ये दावा करना कि ये 2 दिन में बीमारी को खत्‍म कर देती है, गलत है। होम्योपैथी में सभी बीमारियों के लिए एक विशेष रोकथाम और उपचार प्रोटोकॉल है, विशेष रूप से हम रोग के निदान का ध्यान रखते हुए रोगी के संपूर्ण लक्षणों पर दवाएं लिखते हैं, क्योंकि रोग का प्रबंधन रोग श्रेणी पर भी निर्भर करता है, यदि प्लेटलेट्स की गिनती 20000 या 10000 से बहुत कम है, तो रोगी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है। डेंगू की रोकथाम के लिए उपचार लक्षणों पर निर्भर करता है। लक्षण और बीमारी की गहनता देखते हुए दवाई दी जाती है।”

अब बारी थी भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर के 5 हजार एफबी फ्रेंड्स हैं,यूजर मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 48 घंटों में डेंगू के इलाज का वायरल किया जा रहा यह दावा भ्रामक है। हमें ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला, जिससे यह बात साबित हो कि नारियल का तेल लगाने से डेंगू से बचा जा सकता हो। वहीं, इस वायरल पोस्ट के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि डेंगू बीमारी का हर मरीज़ पर असर अलग-अलग होता है। कोई एक दवा सबके लिए कारगर नहीं हो सकती। डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।

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