Fact Check: फेक न्यूज मामले में गिरफ्तार मनीष कश्यप की रिहाई को लेकर हो रहा दावा मनगढ़ंत

तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमले के दावे के साथ फेक वीडियो को फैलाने के मामले में गिरफ्तार यू-ट्यूबर मनीष कश्यप की रिहाई को लेकर किया जा रहा दावा बेतुका और मनगढ़ंत है। मनीष कश्यप अभी मदुरै के जेल में बंद है, जहां उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फेक न्यूज मामले में गिरफ्तार हुए यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मदुरै कोर्ट ने मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने माना कि मनीष कश्यप की कोई गलती नहीं है और इस वजह से मनीष कश्यप जल्द ही रिहा हो सकता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। मनीष कश्यप के मामले में मुदरै कोर्ट की टिप्पणी के नाम पर वायरल दावा तथ्यहीन और बेतुका है। कोर्ट ने इस मामले में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है और न ही उसे कोई क्लीन चिट दी है। मदुरै कोर्ट ने 19 अप्रैल तक के लिए मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेजा है, वहीं सुप्रीम कोर्ट से भी सभी मुकदमों को एक जगह किए जाने के मामले में कश्यप को कोई राहत नहीं मिली है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Manish Jha Golu’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “मदुरै कोर्ट ने नहीं मानी Manish Kasyap की कोई गलती । पुलिस को लगाई फटकार, विरोधियों और बिहार सरकार को करारा झटका .. जल्दी रिहा होंगे मनीष कश्यप ।
सत्यमेव जयते !”

कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/AnujBajpai_/status/1642571388547637248

पड़ताल

छह अप्रैल 2023 की इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, फेक वीडियो के मामले में बिहार स्थित यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने मदुरै के पुलिस अधीक्षक शिव प्रसाद के हवाले से बताया है, “तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमले को लेकर फेक वीडियो फैलाने के मामले में मनीष कश्यप को एनएसए एक्ट में गिरफ्तार किया गया है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को कश्यप को मदुरै कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में मदुरै केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया।

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को 19 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों के खिलाफ हुई हिंसा के मामले फेक वीडियो फैलाने के आरोपी कश्यप को न्यायिक मजिस्ट्रेट आई वी डीलाबानु की कोर्ट में पेश किया गया था। मदुरै जिला साइबर क्राइम पुलिस को पूछताछ के लिए तीन दिनों की हिरासत मिली थी, जिसके खत्म होने के बाद पुलिस ने अतिरिक्त दिनों के लिए हिरासत मांगी थी।

5 अप्रैल 2023 की द हिंदू की रिपोर्ट

न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी मनीष कश्यप के खिलाफ एनएसए लगाए जाने और उसे 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की जानकारी दी गई है।

11 अप्रैल की बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु में मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को एक किए जाने के मामले में केंद्र सराकर और दोनों राज्यों से उसकी प्रतिक्रिया मांगी है।

स्पष्ट है कि फेक वीडियो केस में यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को न तो मदुरै कोर्ट ने क्लीन चिट दी है और न ही इस मामले में कार्रवाई को लेकर पुलिस को फटकार लगाई है। वायरल पोस्ट को लेकर हमने चेन्नई स्थित टीवी पत्रकार सैम डैनियल से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि मनीष कश्यप के मामले में पुलिस को फटकार लगाए जाने का दावा गलत है। एनएसए लगाए जाने के बाद कोर्ट ने मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है और अभी वह जेल में बंद है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों की वजह से तमिलनाडु से हिंदी भाषी प्रवासी मजूदरों के पलायन की शुरुआत हुई थी और इसी मामले में फेक न्यूज फैलाने के मामले में बिहार के यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया गया था। विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर इस मुद्दे से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमले के दावे के साथ फेक वीडियो को फैलाने के मामले में गिरफ्तार यू-ट्यूबर मनीष कश्यप की रिहाई को लेकर किया जा रहा दावा बेतुका और मनगढ़ंत है। मनीष कश्यप अभी मदुरै के जेल में बंद है, जहां उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है। मदुरै कोर्ट ने 19 अप्रैल तक के लिए मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेजा है, वहीं सुप्रीम कोर्ट से भी सभी मुकदमों को एक जगह किए जाने के मामले में कश्यप को कोई राहत नहीं मिली है।

False
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