Fact Check: टाटा समूह के नए संसद भवन को मुफ्त में बनाए जाने का दावा गलत और मनगढ़ंत

सोशल मीडिया पर नए संसद भवन के निर्माण को लेकर किया जा रहा दावा बेतुका और तथ्यहीन है। टाटा समूह मात्र 1 रुपये की प्रतीकात्मक रकम में नए संसद भवन का निर्माण नहीं कर रहा है और न ही इस भवन का निर्माण 17 महीने में पूरा किया जा चुका है। फैक्ट चेक किए जाने तक नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है और करीब 862 करोड़ रुपये में टाटा प्रोजेक्ट्स को नए संसद भवन के निर्माण का ठेका मिला था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की नई निर्माणाधीन संसद भवन का निरीक्षण किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक ग्राफिक्स के जरिए दावा किया जा रहा है कि नए संसद भवन के निर्माण के लिए टाटा ने सरकार ने महज एक रुपये का भुगतान लिया है। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि इस भवन को रिकॉर्ड 17 महीनों में तैयार कर लिया गया है।

हमने अपनी जांच में इन दोनों ही दावे को बेबुनियाद पाया। संसद भवन के निर्माण के लिए टाटा को वर्ष 2020 में करीब 862 करोड़ रुपये का टेंडर मिला था और अभी तक संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Devi Veeramachaneni’ ने वायरल ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए दावा किया है कि नए संसद भवन का निर्माण महज 17 महीने में पूरा कर लिया गया है औऱ साथ ही टाटा ने इस भवन को बनाने के लिए सरकार से मात्र एक रुपये का भुगतान लिया है।

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल पोस्ट

कई अन्य यूजर्स ने इस ग्राफिक्स को समान दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस ग्राफिक्स को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/SHIVRAMVAIDYA/status/1643084989188427777

पड़ताल

सर्च में हमें ऐसी कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत भारत के नए संसद भवन को बनाने का ठेका टाटा समूह की कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिला। कंपनी ने इसके लिए 861.9 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जो लार्सन एंड टुब्रो की बोली से मात्र 3.1 करोड़ रुपये कम थी।

17 सितंबर 2020 की रिपोर्ट

कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। सभी रिपोर्ट्स में नए संसद भवन को बनाने के प्रोजेक्ट की कीमत 861.9 करोड़ रुपये बताई गई है।

22 सितंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बारे में लोकसभा में पूछे गए अतारांकित सवाल संख्या 1896 का जवाब देते हुए आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया था कि नए संसद भवन के निर्माण की अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये है और अन्य भवन व विकास और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास की अनुमानित लागत योजना के अंतिम रूप दिए जाने के बाद तय की जाएगी।

22 सितंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बारे में लोकसभा में पूछे गए अतारांकित सवाल का जवाब

मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया कि नए संसद भवन के निर्माण के लिए खुली प्रतिस्पर्धी बोली मंगाई गई थी और इस प्रक्रिया में सबसे न्यूनतम 861.91 करोड़ रुपये की बोली टाटा प्रोजेक्स्ट लिमिटेड ने लगाई थी।

22 सितंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बारे में लोकसभा में पूछे गए अतारांकित सवाल का जवाब

स्पष्ट है कि टाटा प्रोजेक्ट्स को 861.9 करोड़ रुपये की लागत वाले नए संसद भवन के निर्माण का ठेका मिला, न कि एक रुपये में जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है।

वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि संसद भवन के निर्माण का कार्य 17 महीनों के भीतर पूरा किया जा चुका है। हमारी जांच में यह दावा भी गलत निकला।

पीआईबी के मुताबिक, नए संसद भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था। सेंट्रल विस्टा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, केवल कर्तव्य पथ प्रोजेक्ट का काम पूरा हुआ है, जबकि नए संसद भवन, कॉमन सेंट्रल सचिवालय और एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव जैसे प्रोजेक्ट पर काम चल ही रहा है। प्रोजेक्ट में हुई अब तक की प्रोग्रेस को इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

सेंट्रल विस्टा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी, जिसमें नए संसद भवन के निर्माणाधीन होने की जानकारी दी गई है।

गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का दौरान करने पहुंचे थे, जिसमें इस निर्माणाधीन भवन की झलकियां सामने आई थीं।

वायरल ग्राफिक्स में किए गए दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने पीटीआई-भाषा में संसद को कवर करने वाले संवाददाता दीपक रंजन से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अभी तक नए संसद भवन के निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ है और न ही यह प्रोजेक्ट टाटा समूह एक रुपये की टोकन रकम में पूरा कर रहा है। हालांकि, उन्होने यह कहा कि इसके निर्माण के जल्द पूरा होने की उम्मीद है।

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन की निर्माण लागत में करीब 29 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह रकम अब 1250 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।

वायरल ग्राफिक्स को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर 31 अक्टूबर 2022 से सक्रिय है। हिंदी और अंग्रेजी समेत कुल 12 भाषाओं में विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर नए संसद भवन के निर्माण को लेकर किया जा रहा दावा बेतुका और तथ्यहीन है। टाटा समूह मात्र 1 रुपये की प्रतीकात्मक रकम में नए संसद भवन का निर्माण नहीं कर रहा है और न ही इस भवन का निर्माण 17 महीने में पूरा किया जा चुका है। फैक्ट चेक किए जाने तक नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है और करीब 862 करोड़ रुपये में टाटा प्रोजेक्ट्स को नए संसद भवन के निर्माण का ठेका मिला था।

False
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