Fact Check: रसोई गैस सिलेंडर पर राज्य सरकारों द्वारा केंद्र के मुकाबले ज्यादा टैक्स वसूलने का दावा निकला फर्जी

Fact Check: रसोई गैस सिलेंडर पर राज्य सरकारों द्वारा केंद्र के मुकाबले ज्यादा टैक्स वसूलने का दावा निकला फर्जी

नई दिल्ली( विश्वास न्यूज): एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लगातार वायरल किया जा रहा है। इस वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के मुकाबले रसोई गैस सिलेंडर पर ज्यादा टैक्स वसूलती हैं, जो एलपीजी सिलेंडर की आसमान छूती कीमतों के लिये जिम्मेदार है। विश्वास न्यूज ने वायरल हो रहे पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि सोशल मीडिया में राज्य सरकारों द्वारा ज्यादा टैक्स लगाने से महंगे एलपीजी सिलेंडर का दावा वाला वायरल पोस्ट फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

जयपुर के हेमेंद्र गर्ग नाम के फेसबुक यूजर ने 15 जुलाई 2021 को एक पोस्ट शेयर किया गया है, जिसमें उन्होंने महंगे एलपीजी सिलेंडर के लिये राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि केंद्र सरकार एलपीजी पर केवल 5 फीसदी टैक्स लगाती है, जबकि राज्य सरकारें 55 फीसदी टैक्स वसूलती हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में एलपीजी सिलेंडर की कीमत का पूरा ब्यौरा दिया है, जिसमें उन्होंने एलपीजी सिलेंडर के बेसिक प्राइस, ट्रांसपोर्ट का खर्चा, केंद्र-राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले टैक्स का ब्यौरा, डीलर्स कमीशन के साथ केंद्र सरकार द्वारा दिये जाने वाले सब्सिडी के रकम का ब्यौरा भी दिया है। साथ ही सवाल खड़ा किया कि बताओ महंगे एलपीजी सिलेंडर के लिये कौन जिम्मेदार है ?

वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां मौजूद है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट में किये जा रहे दावे को लेकर अपनी जांच शुरू की। सबसे पहले गूगल पर कीवर्ड्स टाइप कर एलपीजी सिलेंडर पर लगने वाले टैक्स की पडताल की। हमें पता चला कि 1जुलाई 2017 को देश में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के लागू होने के बाद से घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसमें सेंट्रल जीएसटी 2.5 फीसदी और स्टेट जीएसटी 2.5 फीसदी है। जीएसटी के लागू होने से पहले केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर पर कोई टैक्स नहीं वसूलती थी, लेकिन कई राज्य सरकारें 1 से लेकर 4 फीसदी तक वैट (Value Added Tax) लगाया करती थी। हमने इस वायरल पोस्ट को लेकर ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स के प्रेसिडेंट चंद्रप्रकाश से बात की तो उन्होंने भी बताया कि घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगता है। केंद्र और राज्य सरकारें इसपर अलग-अलग टैक्स नहीं लगाती हैं। एलपीजी सिलेंडर पर मौजूदा जीएसटी और पूर्व में हर राज्य में लगने वाले वैट का ब्यौरा पेट्रोलियम मंत्रालय के वेबसाइट पर देखा जा सकता है, जिसका लिंक यहां मौजूद है।

वायरल पोस्ट में ये भी दावा किया गया है कि एलपीजी सिलेंडर पर डीलरों को 5.50 रुपये प्रति सिलेंडर कमीशन दिया जाता है। इस दावे की भी हमने पड़ताल शुरू की। तो पेट्रोलियम मंत्रालय के वेबसाइट से हमें जानकारी मिली कि 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर डीलर्स को 5.50 रुपये नहीं, बल्कि 61.84 रुपये प्रति सिलेंडर कमीशन दिया जाता है, जिसमें (एस्टैब्लिशमेंट चार्ज 34.24 रुपये और डिलिवरी चार्ज 27.60 रुपये) शामिल है। 10 जुलाई 2019 को पेट्रोलियम मंत्रालय ने एलपीजी सिलेंडर पर डीलरों को दी जाने वाली कमीशन की समीक्षा की थी और नये कमीशन दरों का ब्यौरा जारी किया था। जिसका लिंक यहां मौजूद है।

हमने फेसबुक यूजर हेमेंद्र गर्ग के फेकबुक प्रोफाइल को स्कैन किया तो हमें पता चला कि वे राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं और राजस्थान यूनिर्सिटी से पढ़ाई की है।

निष्कर्ष 

विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में एलपीजी सिलेंडर पर केंद्र सरकार द्वारा 5 फीसदी और राज्य सरकारों द्वारा 55 फीसदी टैक्स वसूलने का दावा फर्जी है। एलपीजी सिलेंडर अब जीएसटी के दायरे में आता है और उसपर 5 फीसदी जीएसटी लगता है, जो समान रूप से केंद्र और राज्य को मिलता है। साथ ही एलपीजी डीलर्स को भी 5.50 रुपये प्रति सिलेंडर कमीशन दिये जाने का दावा फेक निकला।

(With inputs from Manish Kumar)

False
Symbols that define nature of fake news
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