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Fact Check: चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी का दावा गलत और FAKE

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी का दावा गलत है। केंद्र सरकार की तरफ से ऐसी किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Mar 7, 2024 at 05:24 PM
  • Updated: Mar 7, 2024 at 05:29 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने किसानों को तोहफा देते हुए उनके दो लाख रुपये तक के कर्ज को माफ किए जाने की घोषणा की है। दावा किया जा रहा है कि केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड माफी योजना के तहत किसानों के कर्ज को माफ किया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। केंद्र सरकार की तरफ से आखिरी बार वर्ष 2008 में किसानों का कर्ज माफ किया गया था। उसके बाद से केंद्र सरकार की तरफ के कोई कर्ज माफी की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, समय-समय पर राज्य सरकारों की तरफ से किसानों की  कर्ज माफी की घोषणा की जाती रही है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से हाल में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।

क्या है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया है।

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भेजा गया क्लेम।

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की तरफ से ऐसी किसी कर्ज माफी की घोषणा हो। सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें आखिरी बार 2008 में केंद्र सरकार की तरफ से किसान कर्ज माफी की घोषणा का जिक्र है। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी की घोषणा की थी।

इसके बाद से केंद्र सरकार ने ऐसी किसी योजना की घोषणा नहीं की है। हालांकि, इस बीच कई राज्य सरकारों ने किसानों के कर्ज माफी की जरूर घोषणा की। पंजाब और महाराष्ट्र ने जहां सभी किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की, वहीं उत्तर प्रदेश में केवल छोटे और सीमांत किसानों की  कर्ज माफी की घोषणा की है।

वायरल पोस्ट में जिस खबर का जिक्र है, वह वास्तव में पंजाब से संबंधित है, जिसमें सहकारी कृषि संस्थाओं के भूमिहीन किसानों व कृषि मजदूरों का ऋण माफ किए जाने की अनुशंसा की गई थी।

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इसका जिक्र है।

हमारी पड़ताल से साफ है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की कर्ज माफी का दावा गलत है। वायरल दावे को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की  कर्ज माफी की कोई घोषणा नहीं की गई है। ऐसी आखिरी घोषणा यूपीए के समय में हुई थी।

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद में भी इस बारे में सवाल पूछा गया था, जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच झड़प हो गई थी। दो अगस्त 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, जब इस मामले में सत्ता और विपक्ष के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, तब बीच-बचाव करते हुए लोकसभा स्पीकर ने स्पष्ट किया कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लिए गए कर्ज को माफ नहीं किया जा रहा है।

चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी का दावा गलत है। केंद्र सरकार की तरफ से ऐसी किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है।

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