देश में नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी को लागू किए जाने का दावा गलत है। 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचना जारी किए जाने के बाद भी सीएए को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है, क्योंकि सरकार अभी तक इस कानून को लागू करने के लिए जरूरी नियमों का निर्माण नहीं कर सकी है। वहीं, देशव्यापी एनआरसी को भी लागू किए जाने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि देश में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी को लागू कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि इन कानूनों के लागू होने के बाद से जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें अब नागरिकता नहीं दी जाएगी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को गलत पाया। नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) को दिसंबर 2019 में अधिसूचित किया गया था, लेकिन इसे लागू करने के लिए जरूरी नियमों को नहीं बनाए जाने के कारण इस कानून को लागू नहीं किया जा सका है। वहीं, सरकार की तरफ से अभी तक देश भर में एनआरसी को लागू करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सोशल मीडिया यूजर ‘गान्धार नरेश शकुनि मामाश्री’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”CAA और NRC देश में लागू दो से ज़्यादा जिनके बच्चे होंगे उनको नागरिकता नही।”
कई अन्य यूजर्स ने भी इसे समान दावे के साथ शेयर किया है।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, संसद ने 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 को पारित कर दिया था। इस कानून के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक रूप से उत्पीड़ित हिंदू, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर नागरिकता देने के लिए लाया गया था।
इसके बाद सरकार ने 12 दिसंबर 2019 को इस कानून को लागू करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी।
हालांकि, इस कानून को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। ईटी की वेबसाइट पर न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से 18 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए के प्रावधान तैयार करने के लिए सरकार को अतिरिक्त समय मिल गया है। राज्यसभा और लोकसभा में अधीनस्थ विधायी संबंधी संसदीय समितियों ने एक बार फिर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को सीएए कानून 2019 के लिए प्रावधान तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया है।
राज्यसभा से 31 दिसंबर 2022 तक और लोकसभा से 9 जनवरी 2023 तक के लिए समय दिया गया है। कानून को लागू करने के लिए बनाए जाने वाले नियमों के निर्माण के लिए गृह मंत्रालय को मिला यह लगातार सातवां विस्तार है। गौरतलब है कि इन नियमों को तैयार किए बिना कानून को लागू नहीं किया जा सकता है।
वायरल पोस्ट में एनआरसी को भी लागू किए जाने का जिक्र है। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस बात का जिक्र है कि सरकार की तरफ से अभी तक देशव्यापी एनआरसी को लागू करने का फैसला नहीं लिया गया है।
30 नवंबर 2021 को न्यूज एजेंसी एएनआई की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, सरकार ने लोकसभा को दिए जवाब में बताया कि अभी तक देश भर में एनआरसी को लागू किए जाने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
एक दिसंबर 2021 की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद को दी गई जानकारी में बताया कि सरकार ने अभी तक देशव्यापी एनआरसी को लागू करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। 2022 की भी न्यूज रिपोर्ट भी इसी स्थिति के बारे में बताती है। बिजनस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से 16 मार्च 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने अभी तक एनआरसी को पूरे देश में लागू करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। लोकसभा में जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में एनआरसी को लागू करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
वायरल दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने संसद को कवर करने वाले न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के संवाददाता दीपक रंजन से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में नागरिकता संसोधन अधिनियम को लागू नहीं किया गया है।
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।
निष्कर्ष: देश में नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी को लागू किए जाने का दावा गलत है। 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचना जारी किए जाने के बाद भी सीएए को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है, क्योंकि सरकार अभी तक इस कानून को लागू करने के लिए जरूरी नियमों का निर्माण नहीं कर सकी है। वहीं, देशव्यापी एनआरसी को भी लागू किए जाने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
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