Fact Check: डेंगू से बचाव के लिए नारियल तेल नहीं कोई उपयोगी उपाय, फर्जी दावा एक बार फिर हुआ वायरल

डेंगू से बचाव के लिए नारियल तेल के इस्तेमाल का दावा करने वाला वायरल पोस्ट फर्जी है। डॉ. बी. सुकुमार ने भी दावे का खंडन किया।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर जांचने के लिए एक दावा मिला। दावे में कहा गया है कि तिरुपति के श्री साईं सुधा अस्पताल के एक डॉ. बी सुकुमार ने दावा किया है कि घुटनों के नीचे नारियल के तेल का उपयोग करने से डेंगू से बचा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को झूठा पाया।
बता दें कि इससे पहले भी विश्वास न्यूज ने इसी दावे पर काम किया था और इसे फर्जी पाया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर इस्माही मुहतासिम मूसा ने ग्रुप होली अपार्टमेंट्स लिमिटेड में एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कहा गया है, ‘यह संदेश आप सभी को सूचित करने के लिए है कि डेंगू वायरल हो रहा है। तो कृपया अपने घुटनों के नीचे नारियल के तेल को अपने पैरों के नीचे तक इस्तेमाल करें। यह एक एंटीबायोटिक है। और डेंगू का मच्छर घुटनों से ऊपर नहीं उड़ सकता। तो कृपया इसे ध्यान में रखें।’

यूजर ने इस दावे का श्रेय डॉ. बी. सुकुमार को दिया।

पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने तिरुपति के श्री साईं सुधा अस्पताल के डॉ. बी. सुकुमार से संपर्क कर अपनी जांच शुरू की। डॉ. बी. सुकुमार ने कहा, “वायरल संदेश फर्जी है। यह संदेश पिछले 8 वर्षों से सोशल नेटवर्किंग साइटों पर वायरल हो रहा है। मैंने कभी भी डेंगू के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी है।”

इसके बाद हमने सीडीसी की वेबसाइट चेक की। डेंगू से बचने के लिए वेबसाइट ने निम्नलिखित सुझाव दिए:
कीट विकर्षक का प्रयोग करें, लंबी बाजू की शर्ट और लंबी पैंट पहनें और अपने घर के अंदर और बाहर मच्छरों को नियंत्रित करें।

हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट भी चेक की। डेंगू और गंभीर डेंगू के इलाज के लिए, वेबसाइट ने उल्लेख किया, “डेंगू बुखार के खिलाफ कोई विशिष्ट टीके या एंटीवायरल उपचार नहीं हैं। बुखार को कम करने के लिए पैरासिटामोल के उपयोग का सुझाव दिया गया है। एस्पिरिन और संबंधित गैर-स्टेरायडल विरोधी उत्तेजक दवाएं (एनएसएआई) जैसे इबुप्रोफेन से बचना चाहिए।”

वेबसाइट में कहीं भी नारियल तेल का जिक्र नहीं है।

जांच के अगले चरण में हमने डॉ. सजल बंसल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “डेंगू मच्छर से पैदा होने वाली बीमारी है और मच्छर के काटने से बचकर हम डेंगू से बच सकते हैं। कोई अन्य निवारक उपाय नहीं हैं।”

इससे पहले भी विश्वास न्यूज ने इसी दावे पर फैक्ट चेक किया था।
यहां फैक्ट चेक देख सकते हैं।

जांच के आखिरी चरण में हमने वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। हमने पाया कि इस्माही मुहतासिम मूसा बांग्लादेश के ढाका का रहने वाला है। वह अगस्त 2011 में फेसबुक पर है।

निष्कर्ष: डेंगू से बचाव के लिए नारियल तेल के इस्तेमाल का दावा करने वाला वायरल पोस्ट फर्जी है। डॉ. बी. सुकुमार ने भी दावे का खंडन किया।

False
Symbols that define nature of fake news
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