Fact Check: हरियाणा में लुटेरों की टोली से जुड़ी वायरल पोस्ट है फर्जी

हरियाणा में लूटपाट करने वाले गैंग की यह वायरल पोस्ट फर्जी है, हरियाणा में अब तक इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है।

Fact Check: हरियाणा में लुटेरों की टोली से जुड़ी वायरल पोस्ट है फर्जी

By Vishvas News

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दिल दहलाने वाली कुछ तस्वीरें भी शामिल हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के जींद, हिसार, हांसी व भूना में 15 से 20 लुटेरों की टोली आई हुई है। इस टोली में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। रात में बच्चे रोने की आवाज करते हैं, जिसके बाद लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। इस पोस्ट में गुहार की गई है कि रात में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दे तो कृपया दरवाजा न खोलें। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है, हरियाणा में फिलहाल ऐसी कोई लुटेरों की टोली की खबर नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर यह पोस्ट Misha Ali ने साझा की है, जिसमें चार तस्वीरों के साथ लिखा गया है: इनके लिए आपलोग मिल कर दुआ करें। कृपया सावधान रहें जींद हिसार हासी भूना में 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और लेडीज हैं और उनके पास हथियार भी हैं और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोलें। प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में इसे शेयर करें, यह हरियाणा पुलिस की तरफ से मैसेज है पूरे भारत में 5 से 10 दिन के अंदर फैल जाना चाहिए।

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।

पड़ताल

हमने वायरल पोस्ट के साथ मौजूद चारों तस्वीरों को एक-एक कर फैक्ट चेक करना शुरू किया।

पहली तस्वीर:

इस तस्वीर में एक महिला बेसुध पड़ी दिखाई दे रही है। इसके साथ ही फर्श पर काफी खून बहा हुआ है। हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो हमें साल 2015 में एक ब्लॉग पर प्रकाशित हुआ आर्टिकल मिला, जिसमें यह वायरल तस्वीर भी शामिल थी। इसमें दी गई जानकारी के अनुसार, उस समय मुंबई में किन्नरों के लूटपाट का यह मामला सामने आया था। हमें साल 2015 के ही कुछ ट्वीट भी मिले, जिसमें इसी दावे के साथ यह तस्वीर साझा की गई थी। हालांकि, हमें इस तस्वीर से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।

दूसरी तस्वीर

इस तस्वीर में एक जानवर का पंजा दिख रहा है। यह तस्वीर भी साल 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है। पहली बार यह तस्वीर इंस्टाग्राम पर साझा की गई थी, लेकिन इसके साथ जो कहानी बताई गई थी उसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। साउथ अमेरिका में भी यह तस्वीर वायरल हुई थी, जहां कहा गया था कि यह किसी डॉग के पंजे की तस्वीर है, जिसे मेंज नामक बीमारी है। इस बीमारी में डॉग की स्किन पर कई सारे घुन हो जाते हैं, जिससे उसकी स्किन का वह भाग सूज जाता है। यह तस्वीर काफी पुरानी है और इसका वायरल पोस्ट में किए गए दावे से कोई लेना-देना नहीं है।

तीसरी तस्वीर

सड़क पर भीड़ के साथ खड़े दो पुलिसवालों की यह तस्वीर कहां की है यह तो पता नहीं चल पाया, लेकिन हमें यह तस्वीर ट्विटर पर साल 2017 के एक ट्वीट में मिली। लिहाजा यह कहा जा सकता है कि यह तस्वीर भी इंटरनेट पर कई सालों से मौजूद है और यह ताजा तस्वीर नहीं है।

चौथी तस्वीर

इस तस्वीर में सिर पर सींगों वाला एक अलग-सा दिखने वाला व्यक्ति नजर आता है। यह तस्वीर भी साल 2015 से ही इंटरनेट पर वायरल है। इसे लेकर हमें कई आर्टिकल्स मिले। फॉक्स8 नामक वेबसाइट पर साल 2015 में छपे इस आर्टिकल में इसे गोटमैन का नाम दिया गया है। हालांकि, किसी भी मीडिया रिपोर्ट में यह पुख्ता नहीं किया गया है कि आखिर गोटमैन कौन था, कहां से आया था और क्या इसने सच में किसी जीव की हत्या की थी या नहीं।

वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि यह मैसेज हरियाणा पुलिस की ओर से दिया गया है। हमने जींद एसपी अश्विन से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा मैसेज फर्जी है। जींद में इस तरह की अब तक कोई घटना सामने नहीं आई है। न ही पुलिस की तरफ से ऐसा कोई मैसेज दिया गया है। उन्होंने अपील की कि लोग इस तरह के भ्रामक मैसेज पर यकीन न करें, अगर उनकी नजर में ऐसी कोई घटना आती है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।

विश्वास न्यूज ने हिसार एसपी गंगाराम पूनिया से भी संपर्क किया, उन्होंने भी इस मैसेज को फेक करार देते हुए बताया कि अब तक हिसार में इस तरह की कोई घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। फतेहाबाद एसपी राजेश कुमार ने भी भूना हांसी क्षेत्र में इस तरह की घटना रिपोर्ट होने से इनकार किया है।

इस पोस्ट को Misha Ali नामक फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। मिशा के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि उसके 2400 से ज्यादा दोस्त हैं।

निष्कर्ष: हरियाणा में लूटपाट करने वाले गैंग की यह वायरल पोस्ट फर्जी है, हरियाणा में अब तक इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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