सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह दावा गलत है कि 500 रुपये का वह नोट नकली है, जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधी जी की तस्वीर के पास मौजूद है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 500 रुपये के दो नोटों की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को साझा करते हुए दावा किया जा रहा कि लोगों को 500 रुपये का ऐसा कोई भी नोट नहीं लेना चाहिए, जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधी जी की तस्वीर के पास हो, बल्कि 500 रुपये के केवल उन नोटों को ही स्वीकार करें, जिसमें हरे रंग की पट्टी गवर्नर के दस्तखत के पास है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये के नए नोटों के असली और नकली होने की पहचान का उस पर मौजूद हरी पट्टी की स्थिति से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर में नजर आ रहे दोनों 500 रुपये के नोट असली और वैध हैं।
फेसबुक यूजर ‘RPh Deepak Tripathi’ ने वायरल नोटों की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”जब से ये नोट चलन में आए हैं, आम लोगों में ये दुविधा बढ़ गई है कि असली नोट कौन सा है और कौन सा जाली। आइए जानते हैं असली और नकली नोटों में अंतर। 500 रुपये की वो नोटें मत लीजिए, जिनमें हरी पट्टी गांधीजी के नजदीक बनी है, क्योंकि ये नकली है। 500 रुपये की सिर्फ वही नोटें लीजिए, जिनमें हरी पट्टी RBI गवर्नर के सिग्नेचर के पास है। इस मैजे को अपने परिवार और दोस्तों तक पहुंचाएं।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने 500 रुपये के दो नोटों की इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से करेंसी मार्केट में 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोटों को जारी किया गया था और वायरल तस्वीर में नजर आ रहा 500 रुपये का नोट इसी सीरीज का है। इसलिए विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर आरबीआई के प्रवक्ता से संपर्क किया।
वायरल पोस्ट में हरी पट्टी की स्थिति के आधार पर नोट के असली और नकली होने के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘नोट में नजर आ रहे थ्रेड (हरी पट्टी) की स्थिति अलग-अलग हो सकती है। यह बेहद सामान्य बात है। दोनों ही नोट वैध और मान्य हैं।’
आरबीआई की वेबसाइट पर भारतीय करेंसी मार्केट में मौजूद सभी नोटों की सुरक्षा विशेषताओं को विस्तार से समझा और देखा जा सकता है। नोटों के असली और नकली होने के बीच का फर्क इन विशेषताओं के आधार पर तय किया जा सकता है।
आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर असली और नकली नोटों के बीच की पहचान के तरीकों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी है।
अब तक की पड़ताल से यह स्पष्ट है कि 500 रुपये का वह नोट, जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न हो कर गांधी जी की तस्वीर के पास है, वह नकली नहीं है, बल्कि 500 रुपये के ऐसे दोनों नोट असली हैं। केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी पीआईबी ने भी इस दावे को फेक बताते हुए लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
वायल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वंय को फरीदाबाद का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह दावा गलत है कि 500 रुपये का वह नोट नकली है, जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधी जी की तस्वीर के पास मौजूद है। आरबीआई के मुताबिक ये दोनों ही नोट वैध और असली हैं और हरी पट्टी के आधार पर नोटों के असली और नकली होने का दावा नहीं किया जा सकता है।
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