Fact Check: कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर तीर्थ पर मुस्लिमों के मजार बनाने का दावा गलत और सांप्रदायिक दुष्प्रचार

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ‘गीता उपदेश स्थल’ के भीतर अवैध रूप से मजार का निर्माण कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि मजार निर्माण कर मंदिर पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की गई है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो हरियाणा के कुरुक्षेत्र का ही है, लेकिन यहां मजार बनाने का दावा पूरी तरह से झूठ है। जिस ढांचे को मजार निर्माण के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह एक हिंदू परिवार की तरफ से अपने पूर्वज की स्मृति में बनाई गई संरचना (पितरों का भोरखा) है। किसी ने शरारतपूर्वक इस पर नीली चादर डाल दी और फिर इसका वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो गया।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Nitin kumar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”कृष्ण मंदिर के अंदर बना दी मुस्लिमों ने मज़ार, हिंदू भाइयो बचा लो इस मंदिर को सचे हिंदू हो तो विडीओ को फैला दो सब जगह।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के साथ दी गई जानकारी के आधार पर गूगल न्यूज सर्च में दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 10 मई 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया है।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 10 मई 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ज्योतिसर तीर्थ पर पितरों के भोरखों पर किसी शरारती ने नीली चादर डाल दी। इसे लेकर वीडियो वायरल हो गई। इसके बाद मामला तब तूल पकड़ गया। वीडियो दिनभर लोगों के वॉट्सऐप पर वायरल होती रही। बाद में पुलिस ने इस मामले में डीडीआर काटी और जांच में जुट गई है। वहीं, ग्रीन अर्थ संगठन के सदस्य डा. नरेश भारद्वाज ने इस मामले में धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करने वाले आरोपित पर मामला दर्ज करने की मांग की है।’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ज्योतिसर निवासियों ने बताया कि ज्योतिसर तीर्थ पर पंडित सतपाल के पितरों के भोरखे बने हुए हैं, जो 30 साल पुराने हैं। किसी ने इन पर नीली चादर चढ़ा दी। इसके बाद एक युवक ने वीडियो बनाकर इसे पीर की मजार बता दिया। शहर में पूरा दिन यह वीडियो वायरल होता रहा और इस पर चर्चा शुरू हो गई। वहीं, ग्रीन अर्थ संगठन के सदस्य डा. नरेश भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वायरल वीडियो के माध्यम से ज्योतिसर तीर्थ का धार्मिक दुष्प्रचार करके लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। इसका ग्रीन अर्थ संगठन विरोध करती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि दुष्प्रचार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।’

इसमें कहा गया है कि ज्योतिसर मंदिर परिसर में ज्योतिसर गांव के ब्राह्मण परिवारों के पुराने समय से पितरों के भोरखे बने हुए है, जिनकी दिवाली के मौके पर पूजा की जाती है। लोगों की धार्मिक भावना भड़काने और इंटरनेट मीडिया में वाहवाही लूटने के लिए इसे मजार बनाकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।

रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर वीडियो में नजर आ रहे दृश्य से मेल खा रहा है। स्पष्ट है कि जिस जगह को मजार बनाकर कब्जा किए जाने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वहां मजार बनाने का दावा पूरी तरह से गलत है।

एक अन्य रिपोर्ट में भी इस घटना का विवरण है। भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर तीर्थ पर कथित मजार टाइप भौरखे बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब हिंदू संगठन भी कूद पड़ा हैं। वहीं, पुलिस भी जांच कर रही है। निर्माण करने वाले परिवार का कहना है कि यहां उनके भौरखे बनाए हैं। यह जगह उनके पूर्वजों के द्वारा बनवाई थी। भौरखों के साथ ही उनका भी दीपक यहां जलाते हैं। किसी दूसरे समाज का पीर नहीं बनाया है। आरोप लगाया कि यहां नीला कपड़ा किसी ने डाल कर इसे एक समुदाय विशेष का पीर बनाने की हरकत की है। इसे लेकर जानबूझकर वीडियो वायरल किया। वहीं, देर शाम परिवार ने खुद ही तीर्थ से इन्हें हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।’

विश्वास न्यूज ने इस मामले में कुरुक्षेत्र पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी राजपाल सिंह ने कहा, ‘यह दावा पूरी तरह से गलत है कि मजार का निर्माण कर मंदिर पर कब्जा किया गया है। यहां पहले भी नीली चादर चढ़ाई जाती थी, लेकिन किसी व्यक्ति ने धार्मिक विद्वेष को भड़काने के लिए उस पर नीली रंग की चादर डाल दी, जिस पर इस्लामी शब्द और प्रतीक लिखे गए थे।’

सिंह ने कहा, ‘इस मामले में पुलिस को शिकायत मिली है और हम घटना की जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि अब वह जगह पूर्व वाली स्थिति में मौजूद है। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कुरुक्षेत्र के संवाददाता जगमहेंद्र सोहर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जिस जगह पर मजार बनाने का दावा किया जा रहा है, वह हिंदुओं के पितरों के भोरखे (स्मृति स्थल) हैं और यहां पर किसी मजार का निर्माण नहीं किया गया है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब चालीस हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर तीर्थ पर मजार बनाए जाने का दावा पूरी तरह से गलत है। संबंधित स्थल पर किसी दूसरे समाज का पीर नहीं बनाया गया है, बल्कि किसी ने इस पर इस्लामी प्रतीकों वाला कपड़ा डालकर इसे मुस्लिम समुदाय विशेष का बताने की कोशिश की थी।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट