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Fact Check: छात्रों के हॉस्टल किराए पर 12% GST देने का दावा गलत, कर्नाटक AAR का फैसला पूरे देश में मान्य नहीं

अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की बेंगलुरु बेंच के हॉस्टल किराए पर 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने का फैसला देश भर में मान्य नहीं है। एएआर की तरफ से दिया जाने वाला अग्रिण निर्णय केवल संबंधित पक्षकार यानी आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकार पर लागू होता है।

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Aug 2, 2023 at 03:19 PM
  • Updated: Aug 14, 2023 at 02:29 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ वायरल दावे में बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अब हॉस्टल के किराए पर भी 12% जीएसटी लगाने का फैसला किया है। वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि देश भर में अब हॉस्टल या छात्रावास में रहने वालों को किराए पर 12% जीएसटी का भुगतान करना होगा।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की बेंगलुरु बेंच ने छात्रावास के किराए पर 12% जीएसटी का फैसला दिया है, जो केवल संबंधित मामले में पक्षकारों यानी आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकार पर लागू होता है। इससे पहले भी एक अलग मामले में एएआर ने नोएडा के मामले में समान फैसला दिया था। लेकिन दोनों ही मामलों में दिया गया फैसला केवल संबंधित पक्षकारों पर लागू होता है, न कि देश भर में। इसलिए यह कहना गलत है कि अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग की बेंगलुरु बेंच के फैसले के बाद देश भर में हॉस्टल के किराए पर 12% जीएसटी का भुगतान करना होगा।

क्या है वायरल?

कई यूजर्स ने विश्वास न्यूज की टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर वायरल ग्राफिक्स को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर पर भेजा गया ग्राफिक्स।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई यूजर्स ने इस ग्राफिक्स को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

पड़ताल

सर्च में हमें ऐसी कई हालिया न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिसमें हॉस्टल के किराए पर 12 फीसदी जीएसटी दिए जाने का जिक्र है। ‘मिंट’ की 29 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक, “दो अलग-अलग मामलों में अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने हॉस्टल के किराए पर किराएदारों को 12 फीसदी जीएसटी भरने का आदेश दिया है। एएआर की बेंगलुरु बेंच ने कहा कि हॉस्टल या छात्रावास रिहायशी मकानों की तरह नहीं है और इसलिए इन्हें जीएसटी से छूट नहीं मिल सकती।”

मिंट में 29 जुलाई को प्रकाशित खबर, जिसमें कर्नाटक के बेंगलुरु एएआर के फैसले का जिक्र है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “श्रीसाई लग्जरियस स्टे एलएलपी की तरफ से मांगे गए अग्रिम निर्णय में एएआर ने कहा कि होटल, क्लब, कैंपसाइट आदि द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रति दिन 1000 रुपये तक के शुल्क पर जीएसटी छूट 17 जुलाई 2022 तक आवास सेवाओं पर लागू थी।” एएआर की बेंगलुरु बेंच ने कहा, “निवासियों द्वारा भुगतान किया गया पीजी/हॉस्टल किराया जीएसटी छूट के लिए योग्य नहीं है, क्योंकि आवेदक द्वारा प्रदान की गई सेवाएं ठहरने के रूप में उपयोग के लिए आवासीय सुविधा घर की तरह नहीं हैं।”

इसी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के एएआर के लखनऊ बेंच के भी फैसले का जिक्र है, जिसमें नोएडा स्थित वीएस इंस्टीट्यूट एंड हॉस्टल प्राइवेट लिमिटेड मामले में एएआर की लखनऊ बेंच ने कहा था 1,000 रुपये रोजाना से कम किराया पर जीएसटी का भुगतान करना होगा। “इसलिए 18 जुलाई 2022 से आवेदक की तरफ मुहैया कराई गई सेवा (कर के लिहाज से जीएसटी के दायरे में होंगी।)”

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी इन्हीं दो घटनाओं में एएआर की तरफ से दिए गए निर्णय का जिक्र है। हालांकि, किसी भी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि एएआर का यह फैसला पूरे देश में लागू होगा।

सभी रिपोर्ट्स में एएआर के फैसले का जिक्र है। ctax.jharkhand.gov.in की वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज में जीएसटी में अग्रिम निर्णय और उसकी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। चैप्टर 37 में ‘एडवांस रूलिंग मैकेनिज्म इन जीएसटी’ का जिक्र है, जिसमें यह फैसला किन लोगों पर लागू होता है, के बारे में जिक्र है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “एएआर या एएएआर द्वारा सुनाया गया फैसला अग्रिम निर्णय होगा और यह केवल उस आवेदक पर बाध्यकारी है, जिसने अग्रिम फैसले की मांग की है। साथ ही यह निर्णय संबंधित अधिकारी या क्षेत्राधिकारी पर लागू होगा। इसका मतलब साफ है कि अग्रिण निर्णय समान रूप से तैनात राज्य में कर देने वाले अन्य लोगों पर लागू नहीं होता है। यह केवल व्यक्ति तक ही सीमित है, जिसने अग्रिम निर्णय के लिए आवेदन किया है।”

Source-https://ctax.jharkhand.gov.in/

cbec.gov.in की तरफ से दी गई जानकारी में इसका उल्लेख है। किन पर एएआर का फैसला मान्य होगा, सेक्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, एएआर या एएएआर की तरफ से दिया गया अग्रिम निर्मणय केवल आवेदक और संबंधित अधिकारी या क्षेत्राधिकारी पर लागू होगा। स्पष्ट रूप से यह राज्य में समान स्थिति में कर देने वाले व्यक्ति पर लागू नहीं होगा। यह सिर्फ और सिर्फ उस पर लागू होगा, जिसने इस अग्रिम फैसले की मांग की है।

क्लियर टैक्स की वेबसाइट पर जीएसटी के तहत आने वाली वस्तुओं और सेवाओं के साथ उन पर लगने वाले जीएसटी का जिक्र है। इसमें रोजाना 1,000 रुपये से अधिक के होटल के किराए पर 12% जीएसटी का जिक्र है। हालांकि, इस सूची में कहीं भी हॉस्टल या पीजी के किराए पर जीएसटी का जिक्र नहीं है।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की तरफ से दिए जाने वाले किराए पर 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने का दावा गलत है। कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की एएआर ने दो अलग-अलग मामलों में जो फैसला दिया है, वह पूरे देश पर लागू नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि एएआर का फैसला केवल शामिल पक्ष यानी आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकरणों पर लागू होता है। यानी कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के एएआर का फैसला केवल बेंगलुरु और नोएडा पर लागू होता है।

संबंधित मामले को लेकर विश्वास न्यूज ने टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट एवं अपना पैसा के चीफ एडिटर बलवंत जैन से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह कहना गलत है कि बेंगलुरु एएआर का फैसला पूरे देश पर लागू होता है। यह केवल संबंधित मामले में आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकरणों पर ही लागू होता है।”

न्यूज सर्च में हमें सीएनबीसी18.com की रिपोर्ट मिली, जिसमें सीबीआईसी के पूर्व चेयरमैन नजीब शाह का बयान है। उन्होंने बताया, “राज्य प्राधिकरण की तरफ से दिया गया अग्रिण निर्णय केवल संबंधित पक्षकारों यानी आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकरणों पर लागू होता है। इसलिए हॉस्टल्स और पीजी के किराए पर करीब 12 फीसदी जीएसटी दिए जाने का कर्नाटक एआरआर का फैसला पूरे देश में लागू नहीं होगा। पूरे देश में इसे लागू करने के लिए जीएसटी काउंसिल को विचार-विमर्श कर इसकी अनुशंसा करनी होगा या फिर सीबीआईसी को इस बारे में सर्कुलर जारी स्थिति को स्पष्ट करना होगा। साथ ही इस फैसले को स्टेट अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग में चुनौती भी दी जा सकती है।”

सीएनबीसी18.com की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट

बलवंत जैन ने बताया कि एएआर अपने आप में एक सिविल कोर्ट की तरह होता है और एएआर के फैसले को उससे ऊपर की संस्था में चुनौती दिए जाने का प्रावधान है और फिर उसके फैसले का क्षेत्राधिकार एएआर से ज्यादा व्यापक होता है।

निष्कर्ष: अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की बेंगलुरु बेंच के हॉस्टल किराए पर 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने का फैसला देश भर में मान्य नहीं है। एएआर की तरफ से दिया जाने वाला अग्रिण निर्णय केवल संबंधित पक्षकार यानी आवेदक और संबंधित क्षेत्राधिकार के कर प्राधिकार पर लागू होता है।

  • Claim Review : पीजी और हॉस्टल पर सरकार ने लगाया 12% GST
  • Claimed By : FB User-Sonu Sahu
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