Fact Check : चालान काटने के कारण नहीं हुई थी पुलिसवाले की पिटाई, वायरल वीडियो तीन साल पुराना

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। फेसबुक पर एक पुलिसकर्मी की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि चालान काटने पर भीड़ ने पुलिसवाले की पिटाई कर दी। व‍िश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो 24 जुलाई 2016 का है। गुजरात के सूरत के चौक बाजार थाना के सब इंस्‍पेक्‍टर बीएस पटेल की भीड़ ने पिटाई कर दी थी। भीड़ का आरोप था कि सब इंस्‍पेक्‍टर के कारण एक दलित युवक की मौत हो गई थी। वायरल वीडियो का नए ट्रैफिक नियम के बाद चालान काटने से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर Qadri Sahab ने सात सितंबर को सुबह 11 बजे के करीब एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : “चालान काटने पर जुर्माना भरते लोग।”

इस वीडियो को चार हजार से ज्‍यादा बार शेयर किया जा चुका है। इस पर 224 लोग अपनी राय दे चुके हैं। यही वीडियो दूसरे कई यूजर्स भी फेसबुक पर अपलोड करके वायरल करते हुए दिखे।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें भीड एक पुलिसवाले को चारों तरफ से घेर कर पीटते हुए दिखी। 1:28 सेकंड के इस वीडियो को हमने InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले।

इन स्‍क्रीनशॉट को हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। सर्च के दौरान हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक वीडियो मिला। इसमें हमें वही पुलिसवाला और लोग दिखे, जो वायरल वीडियो में मौजूद थे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सूरत में गुस्‍साई भीड़ ने पुलिसवाले को पीट दिया। लोगों का मानना था कि पुलिस ने दलित युवक की हत्‍या पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस वीडियो को एनडीटीवी की वेबसाइट पर 25 जुलाई 2016 को अपलोड किया गया।

इसी दौरान हमें आजतक के यूटयूब चैनल पर भी एक खबर मिली। खबर का वीडियो 25 जुलाई 2016 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि सूरत में भीड़ ने सब इंस्‍पेक्‍टर की पिटाई कर दी। खबर विस्‍तार से थी। आजतक के मुताबिक, यह घटना सूरत के डाबोली के चौक बाजार थाना क्षेत्र की थी।

वीडियो में हमें सूरत के जोन- 3 के तत्‍कालीन डीसीपी आर डी बरांडा का बयान मिला। इसमें बरांडा बता रहे हैं कि सब इंस्‍पेक्‍टर जब पूछताछ कर रहे थे तो दो आरोपियों में से एक भागते हुए नीचे गिर गया। गिरने के बाद उसे कोई अटैक आया। सब इंस्‍पेक्‍टर ने खुद एंबुलेंस को बुलाया।

पड़ताल के अगले चरण में हम फिर InVID टूल पर गए। वहां हमें यह देखना था कि इस घटना को लेकर क्‍या कोई ट्वीट किया गया था। इसके लिए हमने कुछ कीवर्ड का सिलेक्‍शन किया। जैसे #Surat #Gujrat #Police. इन कीवर्ड को जब हमने सर्च करना शुरू किया तो वायरल वीडियो ANI के ट्विटर हैंडल पर मिला। 24 जुनाई 2016 को रात दस बजे इस वीडियो को #WATCH: Locals thrash a police sub inspector in public, after alleged death of a youth in Surat (Gujarat) के कैप्‍शन के साथ अपलोड किया गया था। यह ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद हमने चौक बाजार थाने में कॉल किया। वहां हमारी बात ASI संजय से हुई। उन्‍होंने बताया, “वायरल वीडियो 2016 का है। थाने के सब इंस्‍पेक्‍टर बीएस पटेल को भीड़ ने पीटा था। उन्‍हें घायल अवस्‍था में अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था।”

अंत में विश्‍वास टीम ने उस शख्‍स के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने पुराने वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया। हमें पता चला कादरी साहब नाम के फेसबुक के यूजर शिक्षक हैं। वे बोकारो सिटी में रहते हैं। उनकी वॉल पर हमें एक खास पार्टी के खिलाफ अधिकांश पोस्‍ट मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि चालान के नाम पर पुलिसकर्मी की पिटाई का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी है। वायरल वीडियो तीन साल पुराना है। 24 जुलाई 2016 को गुजरात के सूरत में एक युवक की मौत हो गई थी। जिसके बाद गुस्‍साई भीड़ ने सब इंस्‍पेक्‍टर की पिटाई कर दी थी। वायरल वीडियो उसी घटना का है। इसे अब “चालान काटने के नाम पर पुलिसवाले की पिटाई” के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास टीम ने ऐसी कई फर्जी पोस्‍ट की फैक्‍ट चेकिंग की है। इन्‍हें आप यहां पढ़ सकते हैं।

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