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Fact Check: पुलिस ने नहीं जारी की है ऐसी कोई एडवाइजरी, फर्जी पोस्ट के झांसे में न आएं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। पुलिस की तरफ से ऐसी कोई सूचना जारी नहीं की गई है।

  • By: Jyoti Kumari
  • Published: Jul 15, 2022 at 05:21 PM
  • Updated: Jul 18, 2022 at 11:17 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सभी पुलिस थानों की ओर से नागरिकों के लिए एक सूचना जारी की गई है, जिसमें दावा किया जा रहा है- “पुलिस की ओर से कहा गया है अगर कोई बच्चा या छोटी बच्ची हाथ में पेपर लेकर आपसे मदद मांगने के लिए आये और कहे कि मुझे इस लिखे हुए पते पर छोड़ दीजिये तो उसकी मदद न करें आप दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।”विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। पुलिस की तरफ से ऐसी कोई सूचना जारी नहीं की गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर “Nava Kumar ” ने 12 जुलाई को पोस्ट शेयर की है , जिसमें लिखा है ,”तत्काल सूचना सभी पुलिस थानों की ओर से नागरिकों को बताया जा रहा है कि ऐसे बच्चे अब सड़कों पर दिख रहे हैं, जिनके पास एक कागज है, जिस पर उनके घर का पता लिखा है, उनका दावा है कि बच्चा लापता है। यदि आप इन बच्चों को देखते हैं, तो उन्हें लिखित पते पर न ले जाएं क्योंकि कुछ लोग हैं जो आपकी हत्या करने के लिए इंतजार कर रहे हैं, आपके अंगों को हटा दें क्षतिग्रस्त कर दे या किसी महिला का बलात्कार करने के उद्देश्य से पूरे नियोजन के साथ घात लगाकर बैठे रहते हैं!! इसलिए उन्हें नजदीकी पुलिस स्टेशन या नजदीकी आपातकालीन स्टेशन पर ले जाएं। तत्काल पुलिस मदद के लिए112 डायल करें, लेकिन दिखावे के बनावटी पीड़ित बच्चे के साथ स्कूटर स्कूटी पर अकेले न जाये, अपनी पूरी क्षमता से दिमाग लगाते हुए उस बच्चे की मदद करें लेकिन खुद मुसीबत में फंसने से बचे। आप चाहें तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं और इस घटना को बताएं। कृपया इसे हर जगह फैलाएं। यह 100% सच है। कुछ स्थानों पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इसलिए भावना में आकर एक अच्छा इंसान बनकर समस्या में फंसने की की कोशिश मत करो। इसे अपने सभी वाट्सअप ग्रुपो में भेजें।
-पुलिस अधीक्षक*”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। हमें किसी भी विश्वसनीय मीडिया वेबसाइट पर पुलिस अधिकारियों की तरफ से की गई ऐसी किसी घोषणा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।हमने दिल्ली पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को भी खंगाला , वहां भी हमें इससे जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली।

जाँच को आगे बढ़ाते हुए हमने दैनिक जागरण के क्राइम बीट कवर करने वाले राकेश सिंह से संपर्क किया। हमने वॉट्सऐप पर वायरल दावे को भी शेयर किया। उन्होंने इस पोस्ट को फर्जी बताया और कहा कि ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।

हमने दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डीसीपी सुमन नलवा से भी वायरल दावे को लेकर संपर्क किया। उन्होंने भी इस पोस्ट को फर्जी बताया है। हमने वायरल दावे को लेकर लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि ये एडवाइजरी हमारी तरफ से जारी नहीं की गई है। इस पोस्‍ट के बारे में सहारनपुर के एसएसपी विपिन ताड़ा का कहना है कि इस तरह को कोई आदेश पुलिस विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है।

पंजाब ब्यूरो ने भी पुष्टि की है कि पंजाब में ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। अगर की होती तो यह खबरों में ज़रूर होती।

पड़ताल के अंत हमने फर्जी मैसेज शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग में हमें पता चला कि यूजर वेस्ट बंगाल के मिदनापुर का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 235 दोस्त हैं।

हालांकि, सभी पुलिस अधिकारियों का कहना था की ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपको पुलिस को ही इन्फॉर्म करना चाहिए।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। पुलिस की तरफ से ऐसी कोई सूचना जारी नहीं की गई है।

  • Claim Review : सभी पुलिस थानों की ओर से नागरिकों को बताया जा रहा है कि ऐसे बच्चे अब सड़कों पर दिख रहे हैं, जिनके पास एक कागज है, जिस पर उनके घर का पता लिखा है, उनका दावा है कि बच्चा लापता है।
  • Claimed By : Nava Kumar
  • Fact Check : झूठ
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