Fact Check: पोलैंड के पोस्ट ऑफिस ने नहीं जारी की ज़ेलेंस्की की तस्वीर वाली स्टांप, भ्रामक दावा हुआ वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। पोलैंड के पोस्ट ऑफिस द्वारा इस स्टांप को डिजाइन नहीं किया गया है। इस स्टांप को एक स्थानीय काउंसिल ने डिजाइन किया है।

विश्वास न्यूज़ (नई दिल्ली )। सोशल मीडिया पर स्टांप की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिस पर  यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की की तस्वीर छपी हुई है। इस फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पोलैंड के पोस्ट ऑफिस ने ज़ेलेंस्की को सम्मान देने के लिए इस स्टांप को डिजाइन और जारी किया गया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। पोलैंड के पोस्ट ऑफिस द्वारा इस स्टांप को डिजाइन नहीं किया गया है। इस स्टांप को एक स्थानीय काउंसलर ने डिजाइन किया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Miska Blue Eyes ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “पोलेंड के पोस्ट ऑफिस ने ज़ेलेंस्की को सम्मान देने के लिए इस स्टांप को डिजाइन किया है।” पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पोलैंड के पोस्ट ऑफिस  की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया, लेकिन हमें वायरल स्टांप से जुड़ी कोई अनाउंसमेंट प्राप्त नहीं हुई।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल स्टांप से जुड़ा एक ट्वीट पोलैंड के पोस्ट ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 13 मई 2022 को पोस्ट मिला। पोस्ट ऑफिस ने एक यूजर को रिप्लाई करते हुए बताया है कि इन टिकटों को पोलिश डाकघर द्वारा डिजाइन नहीं किया गया था। इस स्टांप को वेबसाइट पर मौजूद “माई साइन” नामक एक सर्विस की मदद से डिजाइन किया गया है। जो कि उपयोगकर्ताओं को शुरू से अंत तक अपने स्वयं के टिकटों को अपने मुताबिक, डिजाइन करने की अनुमति देता है।

सर्च को आगे बढ़ाते हुए हमने स्टांप की फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट Łukasz Wantuch नामक एक फेसबुक अकाउंट पर 11 मई 2022 को अपलोड हुई मिली। पोस्ट में वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए बताया गया है कि इस तस्वीर को Łukasz Wantuch ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को सम्मान देने और यूक्रेन के लोगों की मदद करने के इरादे से डिजाइन किया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने Łukasz Wantuch से फेसबुक के जरिए संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। इस स्टांप को उन्होंने डिजाइन किया है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले पेज की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि इस पेज को 60 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर यह पेज 5, दिसंबर 2016 को सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। पोलैंड के पोस्ट ऑफिस द्वारा इस स्टांप को डिजाइन नहीं किया गया है। इस स्टांप को एक स्थानीय काउंसिल ने डिजाइन किया है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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