Fact Check : नाथू राम गोडसे को नहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को नमन कर रहे थे पीएम मोदी

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस प्रतिमा को गोडसे की बताई जा रही है, वह पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय की है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर पीएम नरेंद्र मोदी की दो अलग-अलग तस्‍वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। पहली तस्‍वीर में उन्‍हें महात्‍मा गांधी की प्रतिमा के सामने शीश झुकाते हुए देखा जा सकता है। दूसरी तस्‍वीर में उन्‍हें दूसरे शख्‍स की प्रतिमा के आगे हाथ जोड़े देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दूसरी तस्‍वीर को महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे नाथूराम गोडसे से जोड़ते हुए दावा कर रहे हैं कि पीएम मोदी ने गोली मारने वाले के आगे नमन किया। विश्‍वास न्‍यूज पहले भी ऐसी पोस्‍ट की जांच कर चुका है। दरअसल जिस प्रतिमा को गोडसे की बताया जा रहा है, वह दीन दयाल उपाध्‍याय की है। लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स इसे गोडसे की प्रतिमा समझकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पिछली पड़ताल को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर हरेराम यादव ने पीएम मोदी से जुड़े दो तस्‍वीरों के एक कोलाज को शेयर करते हुए लिखा कि इस तस्वीर को देखने के बाद इतिहास तिबारा लिखा जाए।

पहली तस्‍वीर में गांधी जी के सामने पीएम मोदी को शीश नवाते हुए देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर के ऊपर लिखा है कि गोली खाने वाले को भी नमन। दूसरी तस्‍वीर में पीएम मोदी पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के सामने हाथ जोड़े हुए दिख रहे हैं। इस पर लिखा गया कि गोली मारने वाले को भी नमन।

वायरल पोस्‍ट के क्‍लेम को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले उस तस्‍वीर की जांच की, जिसे गोडसे की बताकर वायरल किया जा रहा है। इस तस्‍वीर को कोलाज से अलग करके गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान यह तस्‍वीर हमें कई वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर इससे जुड़ा वीडियो मिला। इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद 6 अप्रैल 2017 की एक खबर में बताया गया कि पीएम मोदी ने भाजपा मुख्‍यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दी। इस वीडियो में उन्‍हीं लोगों को उसी क्रम और कपड़ों में देखा जा सकता है, जो वायरल तस्‍वीर में नजर आ रहे हैं।

सर्च के दौरान ओरिजनल और इससे मिलती-जुलती तस्‍वीर हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर भी मिलीं। जांच में पता चला कि इस तस्‍वीर को भाजपा के 37वें स्‍थापना दिवस के मौके पर दिल्‍ली स्थित भाजपा मुख्‍यायल में खींचा गया था। उस वक्‍त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दी थी। आईबीटाइम्‍स ने इस तस्‍वीर को 6 अप्रैल 2017 को अपनी खबर में इस्‍तेमाल किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें। इसी कार्यक्रम की तस्‍वीर वनइंडिया की वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है।

वायरल तस्‍वीर हमें ऑल इंडिया रेडियो न्‍यूज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसे 6 अप्रैल 2017 को पोस्‍ट किया गया था। इसमें साफ शब्‍दों में लिखा गया कि भाजपा मुख्‍यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ पर कई पुस्‍तकें लिख चुके लेखक सिद्धार्थ शंकर गौतम से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि इस इमेज में कहीं भी नाथू राम गोडसे नहीं है। नीचे वाली तस्‍वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीनदयाल उपाध्‍याय की प्रतिमा को नमन कर रहे हैं।

पड़ताल के अंतिम चरण में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर को एक हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यह यूजर बिहार के छपरा जिले का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस प्रतिमा को गोडसे की बताई जा रही है, वह पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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