Fact Check : मैडम तुसाद म्यूजियम की टीम के साथ पीएम मोदी का वीडियो एक बार फिर से हुआ वायरल

विश्वास टीम की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो पुराना है। वीडियो में पीएम मोदी मैडम तुसाद की एक्सपर्ट टीम के सदस्यों के साथ दिखाई दे रहे हैं। मार्च 2016 में पूरी टीम पीएम मोदी के निवास पर उनके स्टैचू के लिए उनका माप लेने आई थी।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ लोगों को पीएम मोदी का माप लेते और तस्वीरें खींचते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को हालिया बताते हुए शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल वीडियो भ्रामक निकला। पीएम मोदी का वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में पुराना है, जब मैडम तुसाद म्यूजियम में पीएम मोदी का स्टैचू लगाने के लिए मैडम तुसाद म्यूजियम के आर्टिस्ट और एक्सपर्ट्स की टीम ने वर्ष 2016 में उनके आधिकारिक निवास पर जाकर उनका नाप लिया था।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर “Sajid Anwar” ने 7 फरवरी को वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है , “क्या आप भारत के प्रधानमंत्री के शौक के बारे में जानते हैं?तस्वीर खिंचवाने अलावा सजने संवरने का भी शौक़ रखते हैं। सदी का सबसे महंगा दूल्हा ,शौक में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।”

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को invid टूल के जरिए सर्च किया। हमें 16 मार्च 2016 को ‘Madame Tussauds London’ के यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, मैडम तुसाद की एक्सपर्ट टीम के साथ पीएम मोदी अपनी आकृति निर्माण में शामिल हुए थे। पीएम मोदी ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर म्यूजियम के आर्टिस्ट टीम और एक्सपर्ट्स को सिटिंग दी थी।”

सर्च के दौरान हमें डॉन डॉट कॉम की वेबसाइट पर वायरल वीडियो से जुडी खबर प्रकाशित मिली। 16 मार्च 2016 को प्रकाशित खबर के अनुसार, “प्रधानमंत्री की प्रतिमा को लंदन, सिंगापुर, हांगकांग और बैंकॉक के म्‍यूजियम में रखा गया। इसके के लिए पीएम मोदी ने जरूरी जानकारी और नाप दिया था।”

पहले भी कई बार ये वीडियो अलग-अलग दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। जिसकी जांच विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप हमारी पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी के प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उनका कहना है कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो पहले भी गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है।”

पड़ताल के अंत में हमने पोस्ट को शेयर करने वाले पेज की जांच की। जांच में पता चला कि फेसबुक पर यूजर को 8 हज़ार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 20 फरवरी 2016 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो पुराना है। वीडियो में पीएम मोदी मैडम तुसाद की एक्सपर्ट टीम के सदस्यों के साथ दिखाई दे रहे हैं। मार्च 2016 में पूरी टीम पीएम मोदी के निवास पर उनके स्टैचू के लिए उनका माप लेने आई थी।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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