Fact Check: PM मोदी के 2016 के भाषण का एडिटेड क्लिप गलत दावे से वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में नोटबंदी पर पीएम मोदी के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत साबित हुआ। पीएम मोदी का वायरल वीडियो एडिटेड है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में पीएम मोदी ने नोटबंदी से परेशान हुए लोगों का मजाक नहीं उड़ाया है, बल्कि उनके साहस की तारीफ की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। नोटबंदी को छह साल पूरे होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है। इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने नोटबंदी की वजह से हुई परेशानी के बावजूद लोगों को मजाक उड़ाया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीति दुष्प्रचार निकला। वायरल हो रहा वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2016 का है और इसके एक अंश को संदर्भ से अलग कर वायरल किया जा रहा है, जिससे इसके मायने मतलब बदल जा रहे हैं। वास्तव में पीएम मोदी अपने इस संबोधन के दौरान नोटबंदी की वजह से लोगों को हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए उनकी तारीफ कर रहे थे लेकिन वायरल वीडियो क्लिप में उनकी इस बात को शामिल नहीं किया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि वह लोगों का मजाक उड़ा रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर आदर्श कटियार ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “परपीड़ा सुख का क्रूरतम उदाहरण -..”हे हे हे हे…बेटी की शादी है, पैसे नहीं हैं…”..यह उस देश में हुआ जहां के गांव-जवांर में किसी की बेटी की शादी हो तो गरीब से गरीब आदमी भी अपनी पहुंच भर योगदान देता है !..इस क्रूर सुख के अलावा नोटबंदी का क्या हासिल रहा ?”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्‍ट को सच समझ कर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वायरल वीडियो पर एबीपी न्यूज का पुराना लोगो लगा हुआ है। इसके बाद हमने एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो 12 नवंबर 2016 को अपलोड हुआ मिला।

7.34 मिनट से 9.37 मिनट तक के फ्रेम को देखने और सुनने के बाद वायरल हो रहे वीडियो का पूरा संदर्भ सामने आता है। पीएम ने कहा था, “आपको भी पता है कि 8 तारीख को अचानक 8 बजे 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया गया। मैं सवा सौ करोड़ों देशवासियों को नमन करता हूं, सलाम करता हूं। घर में शादी है पैसे नहीं है, माँ बीमार हैं 1000 की नोट  का थपा है, लेकिन मुश्किल है। इन सबके बावजूद भी, तकलीफ है ये पता है। खुद को है, पता है। अड़ोस-पड़ोस को है, पता है। इसके बावजूद भी लोग मुंह में उंगली डाल-डाल के पूछवाते थे। मोदी को कुछ बोलो, कुछ मोदी के खिलाफ बोलो, लेकिन मैं देश के लोगों को सौ-सौ सलाम करता हूं। कोई सवा सौ घंटे खड़ा रहा और 6 घंटे लाइन में खड़ा रहा। तकलीफ झेली, लेकिन देश के हित में लिए गए फैसले को स्वीकार किया।”

हमें यह वीडियो पूरा पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हुआ मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 12 नवंबर 2016 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में जो भी होता है उससे यहां रह रहे लोगों का भी सिर गर्व से ऊंचा होता होगा। भारत में 500 और 1000  के नोट पर प्रतिबंध पर उन्होंने कहा था कि भारतीय इस फैसले की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। लोग तकलीफों के बाद भी इस फैसले को स्वीकार कर रहे हैं। देश के गरीबों ने अमीरी दिखाई है। अमर उजाला ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजय सोनकर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है।
तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर आदर्श कटियार की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। फेसबुक पर यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर आदर्श कटियार  को तीन सौ से ज्यादा लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नोटबंदी पर पीएम मोदी के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत साबित हुआ। पीएम मोदी का वायरल वीडियो एडिटेड है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में पीएम मोदी ने नोटबंदी से परेशान हुए लोगों का मजाक नहीं उड़ाया है, बल्कि उनके साहस की तारीफ की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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