विश्वास न्यूज की पड़ताल में पीएम मोदी के नाम से पत्र को लेकर वायरल दावा गलत निकला। वायरल पत्र की तस्वीर फर्जी है और साल 2016 से सोशल मीडिया पर वायरल है। पीएम मोदी द्वारा इस तरह का कोई पत्र देशवासियों के लिए जारी नहीं किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के नाम से एक पत्र की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने एक चिट्ठी जारी कर सभी देशवासियों से अपील की है कि इस दीपावली पर सिर्फ भारत में बनी चीजें ही खरीदें।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल पत्र की तस्वीर फर्जी है और साल 2016 से सोशल मीडिया पर वायरल है। पीएम मोदी द्वारा इस तरह का कोई पत्र देशवासियों के लिए जारी नहीं किया गया है।
फेसबुक यूजर Sarvottam Nayak ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “हमारे प्रिय प्रधानमंत्री की तरफ से संदेशा।”
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिख दिया गया है। पोस्ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट बिजनेस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर 2016 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने दीपावली पर सिर्फ भारत में बनी चीजें खरीदने की अपील नहीं की है। वायरल पत्र फेक है और कंप्यूटर की मदद से बनाया गया है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस सहित कई अन्य वेबसाइट ने इस खबर को प्रकाशित किया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने पीएमओ के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ा एक ट्वीट 31 अगस्त 2016 को ट्वीट मिला। ट्वीट में एक धुंधली तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, जो कि वायरल पत्र से मेल खाती है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए इसे फेक बताया है।
हमें पूर्व आईपीएस किरण बेदी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी इससे जुड़ा एक ट्वीट मिला। 27 सितंबर 2016 को किरण बेदी ने इस पत्र को सच समझ कर शेयर किया था। उसके कुछ देर बाद सच्चाई उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर खेद जताते हुए इस पत्र को फेक बताया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो के हेड आशुतोष झा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। पीएम मोदी की तरफ से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।”
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Sarvottam Nayak की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर के 667 मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर महाराष्ट्र का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पीएम मोदी के नाम से पत्र को लेकर वायरल दावा गलत निकला। वायरल पत्र की तस्वीर फर्जी है और साल 2016 से सोशल मीडिया पर वायरल है। पीएम मोदी द्वारा इस तरह का कोई पत्र देशवासियों के लिए जारी नहीं किया गया है।
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