प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेहरू की लिखी चिट्ठी के अंश को पढ़ते हुए उन्हें "आरक्षण विरोधी" बताया था और उनके इसी भाषण के आधे-अधूरे अंश को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने संसद में ऐसा बयान दिया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने संसद में कथित तौर पर आरक्षण विरोधी बयान दिया। वायरल वीडियो क्लिप में प्रधानमंत्री को आरक्षण के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड है। वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का जिक्र करते हुए उन्हें “आरक्षण विरोधी” बताया था। हालांकि, वायरल क्लिप में इस हिस्से को शामिल नहीं किया गया है, जहां उन्होंने नेहरू का जिक्र किया था।
सोशल मीडिया यूजर ‘__dream__queen07’ ने वायरल क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “साथियों आरक्षण खत्म करने की तैयारी हो चुकी है।”
कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक)ने इस क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल क्लिप कुछ सेकेंड का है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “…….मैं किसी भी आरक्षण को पंसद नहीं करता….और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं….मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा देते हैं…….!”
वीडियो क्लिप को सुनकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह आधा-अधूरा बयान है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है। नेताओं और मशहूर शख्सियतों के खिलाफ दुष्प्रचार का यह सर्वाधिक प्रचलित तरीका है, जिसमें उनके बयान के एक हिस्से को उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जाता है।
वायरल क्लिप में संसद टीवी का लोगो लगा हुआ है और इसके टिकर में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जिक्र है। इससे यह स्पष्ट है कि यह वीडियो क्लिप जारी बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का है।
सर्च में हमें यह क्लिप नरेंद्र मोदी, पीएमओ समेत कई अन्य आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जो सात फरवरी 2024 को लाइव स्ट्रीमिंग किया हुआ वीडियो है।
39 मिनट 20 सेकेंड के फ्रेम से सुनने पर वायरल क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी कहते हैं, “………मैं आदर पूर्वक नेहरू जी को इन दिनों ज्यादा याद करता हूं। एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये चिट्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी थी। मैं उसका अनुवाद पढ़ रहा हूं….उन्होंने लिखा था..ये देश के प्रधानमंत्री नेहरू जी द्वारा उस समय के देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है। ऑन रिकॉर्ड है, मैं अनुवाद पढ़ रहा हूं।” मोदी नेहरू की लिखी गई इसी चिट्ठी का जिक्र करते हुए आगे कहते हैं, “मैं (नेहरू) किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता…और खासकर नौकरी में आरक्षण को कतई नहीं। मैं (नेहरू) ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी हुई चिट्ठी है।”
हमारी जांच से स्पष्ट है कि आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से जिस बयान को फेक दावे से वायरल किया जा रहा है, वह वास्तव में नेहरू की लिखी चिट्ठी का अंश है, जिसका जिक्र वह राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कर रहे थे।
कई अन्य चैनलों पर भी उनके इस भाषण का ऑरिजिनल वीडियो क्लिप उपलब्ध है।
कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है।
वायरल वीडियो क्लिप को लेकर विश्वास न्यूज ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह फेक दावा है।”
इससे पहले इसी सत्र के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का एडिटेड क्लिप शेयर कर यह दावा किया गया था कि उन्होंने चुनाव पूर्व ही हार मान ली है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब ढ़ाई लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य वायरल दावे की पड़ताल करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के चुनावी चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेहरू की लिखी चिट्ठी के अंश को पढ़ते हुए उन्हें “आरक्षण विरोधी” बताया था और उनके इसी भाषण के आधे-अधूरे अंश को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने संसद में ऐसा बयान दिया।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।