Fact Check : ईद के मौके पर मजार पर चादर चढ़ाने नहीं पहुंचे पीएम मोदी, वायरल वीडियो 5 साल पुराना

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ईद के मौके पर मजार पर चादर चढ़ाने के नाम से वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो साल 2018 का है। जब दोनों नेता कबीर दास की मजार पर गए थे और चादर चढ़ाई थी।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ईद के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजार पर चादर चढ़ाने के लिए पहुंचे।

साल 2018 में पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मगहर में कबीर दास की मजार पर पहुंचे थे। उसी वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स अभी का बताते हुए ईद से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं। पहले भी यह वीडियो अलग-अलग  दावों के साथ वायरल हो चुका है।

क्या हो रहा है वायरल ? 

फेसबुक यूजर ‘दिवाकर सिंह राठौर’ ने 30 जून 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अभी मुसलमानों के वोट कम hain सिर्फ दस सालों के बाद यही बीजेपी के नेता मुसलमानों के तलवे भी चाटेंगे।”

वीडियो पर लिखा हुआ है, “कट्टर हिंदूओं को इद मुबारक।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो चुनाव के दौरान अलग-अलग दावों के साथ कई बार वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने हर बार दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़े।

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर मिली 29 जून 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, संत कबीर की 500वीं पुण्यतिथि के मौके पर पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी मगहर स्थित कबीर की समाधि पर गए थे। वहां पर दोनों ने समाधि पर चादर चढ़ाई थी। 

वायरल वीडियो हमें  एएनआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसी जानकारी के साथ शेयर हुआ मिला। वीडियो को 28 जून 2018 को अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी ने सीएम योगी के साथ मिलकर मजार पर चादर और फूल चढ़ाए थे। उन्होंने इस मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए संत कबीर अकादमी की आधारशिला भी रखी थी। 

वीडियो को लेकर हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से बातचीत की। वायरल दावे का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, “यह दावा गलत है। वायरल वीडियो काफी पुराना है, जिसे लोग अब गलत दावों के साथ विपक्षी राजनीतिक दल पीएम मोदी की छवि को खराब करने के लिए वायरल कर रहे हैं।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के तकरीबन 5 हजार मित्र हैं और यूजर को 77 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ईद के मौके पर मजार पर चादर चढ़ाने के नाम से वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो साल 2018 का है। जब दोनों नेता कबीर दास की मजार पर गए थे और चादर चढ़ाई थी।

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