पीएम मोदी की कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूते हुए तस्वीर मई 2014 की है। उस समय नरेंद्र मोदी चुनावी रैली करने वाराणसी गए थे और वह भाजपा की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार थे। फरवरी 2017 में निजामुद्दीन का निधन हो गया था। फोटो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पीएम नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। इसमें वह एक बुजुर्ग के पैर छू रहे हैं। इसको शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पीएम मोदी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर एवं बॉडीगार्ड निजामुद्दीन के पैर छू रहे हैं और यह फोटो 23 जनवरी 2021 की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पीएम मोदी और स्वतंत्रता सेनानी निजामुद्दीन की यह तस्वीर मई 2014 की है। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा की तरफ से पीएम पद के प्रत्याशी थे। वह वाराणसी में चुनावी रैली कर रहे थे। 2017 में कर्नल निजामुद्दीन का निधन हो गया था।
फेसबुक यूजर Amar Chand (आर्काइव लिंक) ने 3 फरवरी को पोस्ट को शेयर किया। इस पर तस्वीर के साथ में लिखा है,
विनम्रता : यह तसवीर २3 जनवरी 2021 की है। श्री निजामुद्दीनजी के चरण स्पर्श करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. निजामुद्दीनजी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर तथा बॉडी गार्ड थे.
इतिहास के पन्नों में खोया यह शख्स.. बेहद गरीबी में जी रहा था. आज उनकी खोज करके उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया. उनकी बुढ़ापे की सारी जरूरतों की पूर्ति की गई.
इस मौके पर निजामुद्दीन जी के शब्द बहुत ही हृदयस्पर्शी थे “मेरी खोज करके यह इज्ज़त देना, एक देशभक्त इन्सान ही यह कर सकता है”
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। 9 मई 2014 को फर्स्ट पोस्ट पर पब्लिश रिपोर्ट में इस तस्वीर का प्रयोग किया गया है। इसके अनुसार, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रैली के दौरान गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने निजामुद्दीन के पैर छुए। उनको कर्नल के नाम से जाना जाता है। वह आजादी की लड़ाई के दौरान सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य थे। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने जनवरी में उनको स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की। 107 वर्षीय निजामुद्दीन नेताजी के करीबी सहयोगी, गार्ड और ड्राइवर थे।
8 मई 2014 को अमर उजाला में छपी खबर में भी वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। खबर के मुताबिक, वाराणसी में भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य रहे कर्नल निजामुद्दीन के पैर छुए। निजामुद्दीन ने वर्ष 2001 में अपनी पहचान उजागर की थी। वह सुभाषचंद्र बोस की गाड़ी चलाया करते थे। वह 11 भाषाएं जानते थे और अच्छे निशानेबाज रहे हैं। उन्होंने अंग्रेजों के एक विमान को भी निशाना बनाया था। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि निजामुद्दीन इतनी दूर से उनको आशीर्वाद देने आए हैं।
11 अगस्त 2012 को अमर उजाला में ही छपी एक अन्य खबर के अनुसार, 112 वर्षीय निजामुद्दीन गरीबी में दिन गुजार रहे हैं। वह मुबारकपुर थाने के ढकवा गांव में जिंदगी बसर कर रहे हैं। वह 1969 में बर्मा की राजधानी रंगून से खाली हाथ वतन लौटे थे। देश में जब उनको सरकारी सहायता नहीं मिली तो उन्होंने आजमगढ़ में गाड़ी चलाने की नौकरी कर ली। गरीबी की वजह से उनकी तीसरी पीढ़ी भी अशिक्षित रह गई। उन्होंने बताया कि नेताजी को उन्होंने बर्मा में सीटान नदी के पास छोड़ा था। उसके बाद उनसे मुलाकात नहीं हुई।
7 फरवरी 2017 को डीएनए में छपी खबर में लिखा है कि कर्नल निजामुद्दीन का 117 साल की आयु में निधन हो गया। आजमगढ़ में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 1943 से 1945 तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ रहे थे।
पीएम मोदी ने भी 7 फरवरी 2017 को वायरल तस्वीर को ट्वीट करते हुए कर्नल निजामुद्दीन को श्रद्धांजलि दी थी।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने वाराणसी में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ प्रमोद यादव से बात की। उनका कहना है, ‘यह फोटो मई 2014 की है, जब नरेंद्र मोदी चुनावी रैली करने वाराणसी आए थे। कर्नल निजामुद्दीन का 2017 में निधन हो गया था।‘
यह तस्वीर इस दावे के साथ पहले भी वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
पुरानी फोटो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘अमर चंद‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में रहते हैं।
निष्कर्ष: पीएम मोदी की कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूते हुए तस्वीर मई 2014 की है। उस समय नरेंद्र मोदी चुनावी रैली करने वाराणसी गए थे और वह भाजपा की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार थे। फरवरी 2017 में निजामुद्दीन का निधन हो गया था। फोटो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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