Fact Check: यह पितृ पक्ष में प्रकट होने वाली चमत्कारिक नदी नहीं, कावेरी नदी से छोड़ा गया पानी है

पितृ पक्ष के मौके पर चमत्कारिक तरीके से नदी के निकलने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो कावेरी महापुष्करम त्योहार के मौके पर कावेरी नदी पर बने बांध से छोड़े गए पानी का है। 2017 में मयिलादुथुराई में इस पानी पहुंचने के वीडियो को पितृ पक्ष के संदर्भ में फेक चमत्कारिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह दक्षिण भारत में बहने वाली एक चमत्कारिक नदी है, जो केवल पितृ पक्ष के दौरान अमावस्या को ही प्रकट होती है और फिर दीपावली के दिन विलीन हो जाती है। दावा किया जा रहा है कि यह नदी केवल एक महीने के लिए अस्तित्व में आती है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो में नजर आ रही नदी कोई चमत्कारिक घटना नहीं है। वायरल वीडियो साल 2017 का है, जब एक त्योहार के मौके पर कावेरी नदी के पानी को छोड़ा गया था। इसी वीडियो को दक्षिण भारत की चमत्कारिक नदी के फेक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Astrologer Tript Shastri’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “दक्षिण भारत की यह नदी पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है और दीपावली के दिन अमावस्या को विलीन हो जाती है . …सिर्फ एक महीना …है ना प्रकृति का अदभुत चमत्कार ?”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट।

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो में एक सूखी नदी नजर आ रही है, जिसमें धीरे-धीरे पानी के प्रवाह को तेज होते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ लोग भी नजर आ रहे हैं, जो नदी को प्रणाम कर रहे हैं। वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर सेल्वा कुमार नाम से बने यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।

करीब छह साल पहले यानी 2017 में अपलोड किए गए इस वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह कावेरी नदी से छोड़ा गया पानी है, जो तमिलनाडु में प्रवेश कर रहा है। इस की-वर्ड से सर्च करने पर कई अन्य यू-ट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला, जिसमें दी गई जानकारी और शेयर किए जाने की तारीख लगभग समान है।

संबंधित की-वर्ड से सर्च करने पर deccanchronicle.com की वेबसाइट पर 10 सितंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जो वीडियो में दी गई जानकारी की पुष्टि करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, “कावेरी पुष्करम 2017 के आयोजकों को कावेरी नदी के पानी से भरे कलानाई बांध से पानी छोड़े जाने की उम्मीद है। उन्होंने तीर्थयात्रियों के लिए मयिलादुथुराई के थुला कट्टम में एक अस्थायी स्नान घाट का निर्माण किया है, ताकि श्रद्धालु पानी लेकर उसे अपने सिर पर छिड़क सकें। आयोजकों को 12-24 सितंबर के बीच होने वाले इस आयोजन में पांच लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।”

द हिंदू की 19 सितंबर 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, महापुष्करम के लिए मेट्टूर बांध से पानी छोड़ा गया, जिसके बाद श्रद्धालुओं और किसानों ने फूलों के साथ आरती की।

द हिंदू की 19 सितंबर 2017 की रिपोर्ट, जिसमें महापुष्करम के मौके पर कावेरी नदी से पानी छोड़े जाने का जिक्र है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “महापुष्करम के लिए मेट्टूर बांध से पानी छोड़ा गया। नदी के किनारे बसे कई इलाकों में इसका आयोजन किया जा रहा है और इस पानी के मंगलवार को मयिलादुथुराई में पहुंचने की उम्मीद है, जहां कावेरी तुला कट्टम में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।”

यह पहली बार नहीं है, जब पितृ पक्ष के मौके पर यह वीडियो समान दावे के साथ वायरल हुआ हो। इससे पहले भी जब यह वीडियो समान संदर्भ में वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस नदी के चमत्कारिक होने के दावे को लेकर कई पत्रकारों और अधिकारियों से संपर्क किया था और इन सबने इस दावे का खंडन किया था।

जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट्स ने बताया, “वायरल पोस्ट में दी गयी जानकारी गलत है। ऐसी कोई प्राकृतिक घटना नहीं होती है, जहां अपने आप कोई नदी पैदा हो जाये। ऐसा तब होता है, जब किसी बांध से पानी छोड़ा जाता है। वायरल वीडियो में दिख रही घटना भी ऐसी ही किसी बांध से पानी छोड़े जाने की है।”

द हिन्दू की तमिलनाडु की पत्रकार राम्या कनन ने बताया, “इसमें कोई चमत्कार नहीं है। ओवरफ्लो होने पर या किसी भी और कारण से जब कर्नाटक से कावेरी के पानी को छोड़ा जाता है, तो वो तमिलनाडु पहुंचता है। ये लगभग हर साल होता है।”

हमने इस वीडियो के साथ किए गए दावे को लेकर चेन्नई स्थित टीवी पत्रकार जे सैम डैनियल से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें कुछ भी चमत्कारिक नहीं है। यह बांध से छोड़ा गया पानी है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: पितृ पक्ष के मौके पर चमत्कारिक तरीके से नदी के निकलने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो कावेरी महापुष्करम त्योहार के मौके पर कावेरी नदी पर बने बांध से छोड़े गए पानी का है। 2017 में मयिलादुथुराई में इस पानी पहुंचने के वीडियो को पितृ पक्ष के संदर्भ में फेक चमत्कारिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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