नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर योग गुरु रामदेव को लेकर आपत्तिजनक और विवादित पोस्ट वायरल हो रही है। फेसबुक पोस्ट में योग गुरु एक महिला के साथ बैठे हुए हैं, जिसे लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट गलत निकला। रामदेव की तस्वीर को गलत मंशा के साथ विवादित संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक पर बाबा रामदेव की तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया है, ”ये कौन सा आसन सिखा रहा है बे।
लड़़कियों से प्रेम दिखाने के और सम्मान देने के भी एटीकेट्स होते हैं।
महिला के गले में माला नहीं पहनाया जाता हाथ मे दिया जाता है सम्मान करते समय।”
फेसबुक यूजर आलोक तिवारी (Alok Tewari) की प्रोफाइल से इस तस्वीर को साझा किया गया है।
सर्च के दौरान यह पता चला कि यह तस्वीर समान और मिलते-जुलते दावे के साथ सोशल मीडिया पर पहले भी वायरल हो चुकी है। 2014 में यह तस्वीर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई थी।
पिछली बार इस तस्वीर के वायरल होने पर स्वामी रामदेव के आधिकारिक फेसबुक प्रोफाइल से इसका खंडन किया गया था। 26 नवंबर 2014 को स्वामी रामदेव के प्रोफाइल पेज से बयान जारी किया गया था। रामदेव ने अपने बयान में कहा था, ”दुष्प्रचार करने वालों कुछ तो शर्म करो ! यह बहन, जिसका नाम प्रीती है, आयु 27 वर्ष है, (और) cancer (कैंसर) से पीड़ित है, जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। पतंजलि योगपीठ के फाउंडर मेंबर के परिवार की इस बहन को वेदांता अस्पताल में मिलकर आशीर्वाद दिया, प्राणायाम सिखाया और आयुर्वेदिक औषधियां दीं। ऐसे रोगियों के बारें में दुष्प्रचार करने वालों कुछ तो शर्म करो। यदि ये महिला आपकी माँ, बहन, बेटी होती तो क्या आप ऐसे ही भद्दे कमेंट्स करते।”
सोशल मीडिया पर यह पोस्ट दोबारा से वायरल हुआ है। ट्विटर पर काकावाणी ‘@Alisohrab007’ की प्रोफाइल से इस ट्वीट को भद्दे और आपत्तिजनक कमेंट के साथ पोस्ट किया गया। हालांकि, इस बारे में उत्तर प्रदेश पुलिस को शिकायत किए जाने पर ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है।
तस्वीर का गलत इस्तेमाल किए जाने और उसे गलत संदर्भ में पोस्ट किए जाने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले को ट्विटर पर लखनऊ पुलिस को निर्देशित किया। 16 सितंबर को किए गए इस ट्वीट का संज्ञान लेते हुए लखनऊ पुलिस ने कहा, ‘उक्त प्रकरण के संबंध में जांच हेतु साइबर सेल को निर्देशित किया गया।’
इस मामले में बात किए जाने पर स्वामी रामदेव के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है और इस बार हम इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं।
तिजारावाला ने ट्वीट कर कहा, ‘यह लड़की प्रीति गुप्ता मेरे मित्र की बेटी और मेरी भतीजी है। पिछले 6 बरसों से कैंसर के क्रूर शिकंजे में है। पूज्य स्वामी रामदेव ने इस बिटिया को प्रेरणा-संजीवनी और योग व प्राणायाम से जीवन दान दिया है। इस पर घृणित टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही शुरू हो गई है।’
उन्होंने कहा, ”ऐसी घृणित मानसिकता के शिकार ऐसे व्यक्तियों ने अभिव्यक्ति की आजादी का सबसे घिनौना चेहरा पेश किया है और स्वामी जी पर अनर्गल और मिथ्या आरोप लगाए हैं। पतंजलि ने ऐसी निर्रथक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।”
निष्कर्ष: योग गुरु रामदेव की वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फर्जी और आपत्तिजनक है। स्वामी रामदेव के साथ नजर आ रही महिला कैंसर की मरीज हैं और उनका उपचार चल रहा है। उपचार के दौरान रामदेव, महिला से मिले थे और उनका हाल-समाचार पूछते हुए उनके स्वस्थ जीवन की कामना की थी। हालांकि, उनकी इस मुलाकात की तस्वीर को गलत और आपत्तिजनक दावे के साथ वायरल किया गया।
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