विश्वास न्यूज की पड़ताल में इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार में राजीव व राहुल गांधी के कलमा पढ़ने की वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक बार फिर से एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक शव के सामने देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दुआ पढ़ते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल फोटो इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के वक्त की है। उनके शव के सामने राजीव गांधी और राहुल गांधी ने कलमा पढ़ा था। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी इस तस्वीर की जांच की थी। वायरल दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्वीर का इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार से कोई संबंध नहीं है।
असली तस्वीर स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। अब्दुल गफ्फार खान बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे और 1988 में पाकिस्तान के पेशावर शहर में उनका निधन हो गया था।
इंस्टाग्राम यूजर सनातनी_10_8 ने 30 दिसंबर 2022 को वायरल पोस्ट को शेयर किया था। पोस्ट पर लिखा हुआ है, बड़ी मुश्किल से यह फोटो मिली है, इन्दिरा की लाश के सामने राहुल और राजीव गांधी कलमा पढ रहे हैं फिर भी हमारे देश के लोगों को लगता है कि ये हिन्दू हैं।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह तस्वीर Skyscrapercity नामक एक वेबसाइट पर मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर पाकिस्तान में हुए बाचा खान के अंतिम संस्कार की है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक ट्वीट पाकिस्तान नेता मोहसिन डावर के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। उन्होंने 27 जनवरी 2016 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में इसे बाचा खान के अंतिम संस्कार का बताया है।
विश्वास न्यूज ने एक बार फिर कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर न्यूज रिपोर्ट्स को सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी रिपोर्ट न्यूयॉर्क टाइम्स और एलए टाइम पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल गफ्फार खान का निधन 20 जनवरी 1988 में पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था, जिसके बाद राजीव गांधी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अपने परिवार के साथ पाकिस्तान पहुंचे थे। उनके साथ वहां पर कई अन्य कांग्रेस नेता भी गए थे। अब्दुल गफ्फार खान को सीमांत गांधी और बाचा खान के नाम से भी जाना जाता था। वो सीमा प्रांत और बलूचिस्तान के नेता थे और उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था।
सर्च के दौरान हमें अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे का वीडियो बासित खान नामक एक यूट्यूब चैनल पर 17 सितंबर 2011 को अपलोड हुआ मिला। वीडियो में 1 मिनट 6 सेकंड पर वायरल तस्वीर से मिलते-जुलते नजारे को देखा जा सकता है।
हमारी अब तक की पड़ताल से ये साफ होता है कि वायरल तस्वीर अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है। इसके बाद हमने इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के बारे में सर्च करना शुरू किया। हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंदिरा गांधी का निधन 1984 में हुआ था। सर्च के दौरान हमें उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियोज मिले, उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के जरिए किया गया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने पाकिस्तानी चैनल 92 न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार आरिफ महमूद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर काफी पुरानी है और अब्दुल गफ्फार खान के अंतिम संस्कार की है। विश्वास न्यूज ने पहले भी इस दावे की पड़ताल की है। जिसे आप इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर सनातनी_10_8 की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को इंस्टाग्राम पर 40 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार में राजीव व राहुल गांधी के कलमा पढ़ने की वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
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