Fact Check: मिट्टी की फ्रिज के साथ नजर आ रही बुजुर्ग महिला की तस्वीर AI जनरेटेड है

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। ये तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल के इस्तेमाल से बनाया गया है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। बढ़ते तापमान के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला को मिट्टी की फ्रिज के साथ देखा जा सकता है। तस्वीर को असली समझते हुए यूजर इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि एक गरीब बुजुर्ग महिला ने फ्रिज को देखा था उन्होंने अपनी कल्पना से इस फ्रिज का निर्माण किया।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। ये तस्वीर असली नहीं, बल्कि इस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल के इस्तेमाल से बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, ”एक गरीब बुजुर्ग महिला ने फ्रिज को देखा था उन्होंने अपनी कल्पना से एक फ्रिज का निर्माण कर दिया है ताकि वह भी ठंडा पानी पी सके और फ्रिज का आनंद उठा सके यही एक गरीब की अपनी कल्पना होती है बाकी आपके ऊपर ही लाइन दे या कॉमेंट्स करें या शेयर करें।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने तस्वीर को गौर से देखा। फोटो देखने में ही अवास्तविक लग रही है। वायरल तस्वीर में शक हुआ कि इसे आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर बनाया गया हो सकता है, क्योंकि हाल के दिनों में ऐसे कई ऑप्टिकल इल्यूजन वाले पोस्ट वायरल हुए हैं।

इसी बुनियाद पर पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इसे एआई तस्वीरों को जांचने वाले टूल हाइव मॉडरेशन पर चेक किया। यहां मिले नतीजे के मुताबिक, इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना करीब 99.9 फीसदी है।

वायरल तस्वीर को हमने एक अन्य एआई टूल isitai.com पर भी चेक किया और यहां के रिजल्ट के मुताबिक, यह फोटो 83.34% एआई के जरिये बनी हुई है।

वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने एआई आर्टिस्ट भार्गव वलेरा से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीर भेजी। उनका कहना है, “ये एआई जेनरेटेड इमेज हैं। इसमें बने इंसान से लेकर बिजली के तारों तक साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ये असली नहीं हैं।”

 एआई से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘सुनील दुबे ’ की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस यूजर के  27 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स  हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। ये तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल के इस्तेमाल से बनाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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