विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर का मौजूदा किसान आंदोलन या भारत से कोई लेना- देना नहीं है। यह बांग्लादेश- म्यांमार बॉर्डर पर हुए गोलीबारी की तस्वीर है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन के हवाले से कई भ्रामक तथा फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहीं हैं। इसी कड़ी में एक तस्वीर वायरल है, जिसमें एक बड़े बर्तन में गोली लगी हुई देखी जा सकती है। फोटो को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह किसान आंदोलन के दौरान की तस्वीर है, जहां किसानों के बर्तन में पुलिस की गोली लग गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर का किसान आंदोलन या भारत से कोई लेना- देना नहीं है। यह बांग्लादेश- म्यांमार बॉर्डर पर हुई गोलीबारी की तस्वीर है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”इतिहास में सब दर्ज होगा मिस्टर मोदी.. #FarmersProtest2024.”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर बांग्लादेश की एक न्यूज वेबसाइट पर 16 फरवरी 2024 को अपलोड हुए आर्टिकल में मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘टेकनाफ में शाहपरिर द्वीप और सेंट मार्टिन के बीच सीमा पर फिर से भारी गोलीबारी सुनी गई है और स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। शाहपरिर द्वीप के रहने वाले शाहजहां ने कहा, ऐसी ही एक घटना में तुम्मरू में एक स्थानीय महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई। म्यांमार से चली गोलियां बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों की रसोई के डेक्ची (पैन) के ढक्कन में भी लगी हैं।’
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने इसी बुनियाद पर न्यूज सर्च किया। सर्च में हमें ढाका मेल नाम की वेबसाइट पर भी वायरल फोटो खबर में उपलोड हुई मिली। 7 फरवरी 2024 की खबर के मुताबिक, ”म्यांमार के विद्रोही समूहों और सैन्य शासकों के बीच झड़पें तेज हो गई हैं। म्यांमार की ओर से लगातार हो रही गोलीबारी और मोर्टार शेलिंग के कारण बांग्लादेश सीमा पर नुकसान दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इससे बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से बंदरबन और कॉक्स बाजार की सीमा के अंदर दूसरी तरफ से एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सीमा पर स्थित सैकड़ों परिवारों को उनके घरों से निकाला गया है। संघर्ष में घायल होने के बाद म्यांमार के 250 से अधिक नागरिक बांग्लादेश भाग गए। इनमें सैकड़ों सीमा रक्षक और देश की सेना के सदस्य शामिल हैं।”
वायरल फोटो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने बंगलदेश के फैक्ट चेकर सज्जाद चौधरी से संपर्क किया। रिप्लाई आने पर खबर को उपडेट किया जा जायेगा।
वायरल तस्वीर के बारे में अंबाला के दैनिक जागरण के रिपोर्टर दीपक बहल का कहना है कि बहुत से भ्रामक तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं, यह फोटो भी उन्हीं में से एक है, मौजूदा किसान आंदोलन की नहीं है।
भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर की तरफ पार्टी विशेष से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाती है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर का मौजूदा किसान आंदोलन या भारत से कोई लेना- देना नहीं है। यह बांग्लादेश- म्यांमार बॉर्डर पर हुए गोलीबारी की तस्वीर है।
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