विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही बूचड़खाने की तस्वीर का भारत से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह फोटो ब्राज़ील के एक शहर की और दस साल से ज्यादा पुरानी है। पुरानी और विदेश की तस्वीर को फर्जी दावे के साथ भारत से जोड़कर प्रोपेगेंडा के तहत शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बूचड़खाने की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल फोटो को भारत- बांग्लादेश में गौ तस्करी के हवाले से यूजर के जरिये शेयर किया जा रहा है। तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह पश्चिम बंगाल के बूचड़खाने की फोटो है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही बूचड़खाने की तस्वीर का भारत से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह फोटो ब्राज़ील के एक शहर की और दस साल से ज्यादा पुरानी है। पुरानी और विदेश की तस्वीर को फर्जी दावे के साथ भारत से जोड़कर प्रोपेगेंडा के तहत शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में , भारत-बांग्लादेश सीमा पर बड़े पैमाने पर हो रही गौ तस्करी पर भारत सरकार की चुप्पी बहुत कुछ कहती है, हमारी माँ के रूप में पूजनीय हमारी पवित्र गाय की तस्करी हमारी धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाती है। अगर क्षेत्र में गौ माता की तस्करी हुई तो कोहराम होगा।’
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर 26 जुलाई 2016 को इटली की एक वेबसाइट पर स्लॉटर हाउस से जुड़े एक आर्टिकल में मिली। हमें यह तस्वीर दुबई की एक न्यूज वेबसाइट पर 2016 को पब्लिश हुए आर्टिकल में भी मिली।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल टाइम टूल पर जुलाई 2016 से पहले इस तस्वीर को सर्च करना शुरू किया और हमें यह फोटो नेशनल जियोग्राफिक की वेबसाइट पर मार्च 2022 को अपलोड हुई मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इस तस्वीर को George Steinmentz ने खींचा है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने George Steinmentz के बारे में सर्च किया और हम इसी नाम की वेबसाइट पर पहुंचे। उनके बारे में दी जानकारी के मुताबिक, वह नेशनल जियोग्राफिक के फोटोग्राफर हैं। वायरल तस्वीर को हमने उनकी वेबसाइट पर अलग- अलग कीवर्ड से सर्च करने की कोशिश की। सर्च किये जाने पर हमें इसी वायरल तस्वीर से मिलती- जुलती फोटो अपलोड हुई मिली। यहां दी गई मालूमात के मुताबिक, यह ब्राज़ील के माटो ग्रोसो डो सुल में जेबीएस बूचड़खाने की तस्वीर है। वहीं, इस फोटो के कॉपीराइट में George Steinmentz के नाम के साथ 2013 लिखा हुआ नजर आया, यानी यह फोटो साल 2013 में ब्राज़ील में खींची गई थी।
वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण में पश्चिम बंगाल की सीनियर पत्रकार सुमिता जायसवाल से संपर्क साधा और उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि यह फोटो पश्चिम बंगाल की नहीं है।
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर के जरिये ज्यादातर विचारधारा प्रेरित पोस्ट शेयर की जाती हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही बूचड़खाने की तस्वीर का भारत से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह फोटो ब्राज़ील के एक शहर की और दस साल से ज्यादा पुरानी है। पुरानी और विदेश की तस्वीर को फर्जी दावे के साथ भारत से जोड़कर प्रोपेगेंडा के तहत शेयर किया जा रहा है।
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