विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर 2020 की बिहार की है, जब गोपालगंज के पुल का एक हिस्सा टूट गया था। पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे से मौजूदा हालात से जोड़कर फैलाया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर टूटे हुए पुल के हिस्से की तस्वीर वायरल हो रही है। टूटे हुए पुल के आस- पास बहुत-से लोगों को खड़े हुए भी देखा जा सकता है। तस्वीर को बिहार की हालिया घटना बताते हुए यूजर इसे अलग- अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही 2020 की बिहार की है, जब गोपालगंज के पुल का एक हिस्सा टूट गया था। पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे से मौजूदा हालात से जोड़कर फैलाया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरे विरोधियों को बिहार का ढेहता हुआ पुल तो दिख गया, लेकिन यह नहीं दिखेगा कि उस पुल को दोबारा बनाने से लोगों को कितना और रोज़गार मिलेगा…….नीतिश कुमार।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल फोटो को गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह फोटो ‘वायरल बेक डॉट कॉम’ नाम की एक वेबसाइट पर अपलोड हुई मिली। यहां खबर को 16 जुलाई 2020 को पब्लिश किया गया है। खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर बिहार की है। इस खबर में हमें तेजस्वी यादव की एक एक्स पोस्ट भी मिली।
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर वायरल फोटो को 16 जुलाई 2020 शेयर करते हुए लिखा, ‘263 करोड़ से 8 साल में बना, लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।’
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इसी मामले पर 16 जुलाई 2020 को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, ‘सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है। इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।
वायरल तस्वीर जुड़ी पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण गोपालगंज के ब्यूरो प्रमुख मनीष कुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर बिहार के गोपालगंज की ही है, इस पुल के अप्रोच रोड का एक हिस्सा टूट गया था, यह तभी की फोटो है।
भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को ग्यारह हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर 2020 की बिहार की है, जब गोपालगंज के पुल का एक हिस्सा टूट गया था। पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे से मौजूदा हालात से जोड़कर फैलाया जा रहा है।
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