विश्वास न्यूज की पड़ताल में बर्फ से ढके साधु का दावा करने वाली वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि जिस साधु को बर्फ से ढका हुआ दिखाया गया, वे दरअसल हरियाणा के सोनीपत के एक गांव में हुए अग्नि तपस्या करने वाले बाबा भले गिरि जी महाराज हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उनकी ओरिजनल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके झूठे दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को फेसबुक, ट्विटर पर अपलोड करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह कड़ाके की ठंड में बर्फ से ढके एक तपस्वी की तस्वीर है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को केदारनाथ की बताकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी निकली। दरअसल जिस तस्वीर में बर्फ से ढके तपस्वी को दिखाया गया, वह हरियाणा के एक गांव में अग्नि तपस्या कर रहे संत की है। यह तस्वीर कब की है, इसके बारे में विश्वास न्यूज पुष्टि नहीं कर सकता है। लेकिन यह तय है कि इस तस्वीर का बर्फ या केदारनाथ से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर नितिन वत्कर ने 23 जनवरी को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘कड़ाके की ठंड और पूरा शरीर वर्फ से आच्छादित..ऐसी तप और साधना सिर्फ सनातन में हीं संभव है…ऐसे एक नहीं हजारों उदहारण हैं जब…अपनी इंद्रियों को जीत असंभव को भी संभव बनाया…जय हो सत्य सनातन की।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इसे मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। तस्वीर को इस टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें कन्नड़ की एक वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि संत का नाम बाबा भले गिरि जी महाराज है।
इस क्लू के आधार पर हमने जांच को आगे बढ़ाया। गूगल सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर 16 अक्टूबर 2018 को अपलोड एक वीडियो मिला। इसमें बताया गया कि भले गिरि महाराज ने अग्नि तप किया।
विश्वास न्यूज ने सर्च जारी रखा। हमें बाबा सरबंगी नाम के एक फेसबुक पेज पर 18 जून 2019 की एक तस्वीर मिली। यह तस्वीर वायरल तस्वीर का ओरिजनल वर्जन था। तस्वीर के बारे में लिखा गया कि बाबा भले गिरि जी महाराज की जय हो। पंचनाम दशनाम जूना अखाड़ा।
विश्वास न्यूज ने वायरल और ओरिजनल तस्वीर का तुलनात्मक अध्ययन किया। हमें पता चला कि कम्प्यूटर की मदद से ओरिजनल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। दोनों तस्वीरों को आप नीचे देख सकते हैं।
सर्च के दौरान हमें एक और वीडियो मिला। इसे एक अगस्त 2019 को अपलोड करते लिखा गया कि बाबा भले गिरि जी महाराज 41 दिन तपस्या करते हुए पंचनाम दशनाम जूना अखाड़ा। पूरे वीडियो को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें भास्कर डॉट कॉम की एक पुरानी खबर मिली। इसमें बाबा भले गिरि जी महाराज के द्वारा धूनी के बीच तपस्या की बात कही गई। इसमें रिंढाणा गांव का जिक्र किया था। सर्च करने पर पता चला कि यह गांव हरियाणा के सोनीपत जिले की तहसील गोहाना में है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे सोनीपत के रिंढाणा गांव के पंडित सत्यनारायण वत्स से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को जानकारी देते हुए बताया किया यह पंचाग्नि तपस्या का फोटो है। तस्वीर में सद्गुरू श्री श्री 1008 श्री बाबा भले गिरि जी महाराज जी को पंचाग्नि तपस्या करते हुए देखा जा सकता है।
अब हमें यह पता लगाना था कि वायरल पोस्ट करने वाले यूजर कौन हैं। फेसबुक यूजर Nitin Vatkar की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर पिंपरी में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बर्फ से ढके साधु का दावा करने वाली वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि जिस साधु को बर्फ से ढका हुआ दिखाया गया, वे दरअसल हरियाणा के सोनीपत के एक गांव में हुए अग्नि तपस्या करने वाले बाबा भले गिरि जी महाराज हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उनकी ओरिजनल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके झूठे दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
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