हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर बदायूं की नहीं आगरा की है और यह तस्वीर ताजा नहीं, बल्कि मार्च 2020 की है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। पिछले कुछ दिनों से बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमाई इलाकों में गंगा में से लाश मिलने की खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक पुलिसकर्मी को कंधे पर सफेद कपड़े में लिपटा शव ले जाते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि तस्वीर उत्तर प्रदेश के बदायूं की है, जहां एसआई प्रशांत कुमार सिंह ने एंबुलेंस के अभाव में शव को अपने कंधों पर उठाया। इस तस्वीर को कोरोना पैनडेमिक से भी जोड़ा जा रहा है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है।
दरअसल वायरल तस्वीर आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी के भड़कोल गांव की है, जहां एक तालाब में क्षत—विक्षत हालत में एक वृद्ध का शव मिला था। सब इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह और कॉन्स्टेबल अमन ने कंधे पर शव उठा कर करीब आधा किलोमीटर आगे गांव में खड़ी एंबुलेंस में ला कर रखा था। तालाब तक एंबुलेंस के लिए रास्ता न होने के कारण एंबुलेंस को गांव में ही रोका गया था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
ट्विटर यूजर Er. Md. Haider 🇮🇳 । محمد حیدر । मोo हैदर ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा: यह #नाइजीरिया के बदायूँ जनपद में SI प्रशांत कुमार सिंह है जो इस म्रत शरीर को एम्बुलेंस के अभाव में अपने कन्धों पर अन्तिम विदाई के लिए लेकर जा रहे हैं। #कोरोना आपदा में बाबा जी के नाइजीरिया की हालत को यह चित्र बिना कुछ बोले भी बहुत कुछ बोल रहा है।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले बदायूं के एएसपी सिद्धार्थ वर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि उनके यहां प्रशांत सिंह नाम का कोई सब इंस्पेक्टर नहीं है, न ही उनके यहां इस तरह की कोई घटना रिपोर्ट की गई है। हालांकि, उन्होंने हमें यह भी बताया कि यह तस्वीर कुछ समय पहले भी वायरल हुई थी और उस समय उन्होंने इसके बारे में सर्च करने की कोशिश की थी तो पाया था कि तस्वीर सर्दियों के समय की हो सकती है, क्योंकि इसमें पुलिसकर्मी सर्दियों की ड्रेस में नजर आ रहा है और सब इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह इस समय एत्माद्दौला थाने में तैनात हैं।
इसके बाद हमने सब इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह से संपर्क किया और उन्हें यह तस्वीर भेजी। उन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर उनकी ही है। उन्होंने हमें बताया कि पिछले साल मार्च महीने में उन्हें आगरा के फतेहपुर सीकरी के भड़कोल गांव के पीछे तालाब में एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने की खबर मिली थी। उस समय वे फतेहपुर सीकरी पुलिस स्टेशन में तैनात थे। प्रशांत ने बताया: तालाब गांव के पीछे की तरफ था और वहां तक एंबुलेंस के पहुंचने का रास्ता नहीं था, इसलिए हमने एंबुलेंस को गांव में ही रुकवा दिया था। शव क्षत—विक्षत हालत में था। मैं और कॉन्स्टेबल अमन शव को कंधे पर उठा कर करीब आधा किलोमीटर दूर गांव तक लेकर गए, जहां से एंबुलेंस में डालकर शव को ले जाया गया।
प्रशांत ने हमें यह भी बताया कि उस व्यक्ति की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई थी। हालांकि, शव किसका था, यह शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
अब बारी थी ट्विटर पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Er. Md. Haider 🇮🇳 । محمد حیدر । मोo हैदर की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर खुदको आम आदमी पार्टी का वॉलन्टियर बताता है। खबर लिखे जाने तक उसके 766 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर बदायूं की नहीं आगरा की है और यह तस्वीर ताजा नहीं, बल्कि मार्च 2020 की है।
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