Fact Check : थाईलैंड के ‘सैंक्चुअरी ऑफ ट्रूथ ‘ की तस्‍वीर को वाराणसी के मंदिर का बताकर किया गया वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में बनारस के काशीराज काली मंदिर को लेकर किया जा रहा ये दावा झूठा साबित हुआ है। थाईलैंड के ‘सैंक्चुअरी ऑफ ट्रूथ’ नाम के म्‍यूजियम से जुड़ी तस्‍वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ खूबसूरत मूर्तियों को देखा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये तस्‍वीर यूपी के वाराणसी में स्थित काशीराज काली मंदिर की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। थाईलैंड के पटाया में स्थित एक म्‍यूजियम में बने मंदिर की तस्‍वीर को कुछ लोग बनारस की बताकर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सोनू पांडेय ने 26 मार्च को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा : ‘क्या ये लकड़ी है?? काठ से बना है??? जी नहीं,,ये पत्थर है,,,
असली आश्चर्य ताजमहल नहीं है अचरज मत करिए,,ये तो सनातन स्थापत्य विज्ञान का छोटा सा नमूना है,,, जो मिटा दिया है आपकी किताबों से इतिहासकारों ने,, काशीराजकालीमंदिर_बनारस’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज टूल से की। सबसे पहले हमने वाराणसी के नाम से वायरल तस्‍वीर को रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। शुरुआती सर्च में हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। Wise Wanderer नाम के इस चैनल पर मौजूद वीडियो के 1:25वें मिनट पर हमें वही मूर्तियां नजर आईं, जो बनारस के नाम पर वायरल हो रही हैं। वीडियो के अनुसार, यह मंदिर थाईलैंड के पटाया में है। इसका नाम ‘सैंक्चुअरी ऑफ ट्रूथ’ है। यह एक म्‍यूजियम है।

https://www.youtube.com/watch?v=Q5FhMxWEJTs

पड़ताल के दौरान हमें बैंकॉक डॉट कॉम पर एक लेख मिला। इसमें बताया गया कि एक स्‍थानीय बिजनेस टायकून की ओर से इसे बनाया गया है। इसके बारे में ज्‍यादा जानकारी यहां से ली जा सकती है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने वाराणसी स्थित दैनिक जागरण के ऑफिस में संपर्क किया। जागरण के फोटो जर्नलिस्‍ट भैरव जायसवाल ने हमें वाराणसी के काशीराज काली मंदिर के कुछ फोटो उपलब्‍ध कराए। इन तस्‍वीरों में हमें एक भी ऐसी मूर्तियां नहीं मिलीं, जो वायरल तस्‍वीर में दिख रही थीं।

इसके बाद काशीराज काली मंदिर के पुजारी परिवार के राहुल पाठक से संपर्क किया गया। उन्‍होंने बताया कि यह मंदिर काशी नरेश के दवारा बनाया गया है। पत्‍थर से निर्मित काशीराज काली मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। वायरल तस्‍वीर इस मंदिर की नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर सोनू पांडेय एक खास विचारधारा से जुड़ा हुआ है। इसके 1678 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बनारस के काशीराज काली मंदिर को लेकर किया जा रहा ये दावा झूठा साबित हुआ है। थाईलैंड के ‘सैंक्चुअरी ऑफ ट्रूथ’ नाम के म्‍यूजियम से जुड़ी तस्‍वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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