Fact Check: लेबनान के मुहर्रम मातम में ज़ख़्मी लड़की की तस्वीर को कश्मीर का बता कर किया जा रहा है वायरल

Fact Check: लेबनान के मुहर्रम मातम में ज़ख़्मी लड़की की तस्वीर को कश्मीर का बता कर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक महिला को देखा जा सकता है। तस्वीर में महिला के सिर से खून निकल रहा है। पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है कि ये तस्वीर कश्मीर की है। हमनें अपनी पड़ताल में पाया कि ये तस्वीर असल में 2005 की है। ये तस्वीर लेबनान में 2005 में अशुरा (मुहर्रम) मातम के दौरान की है।

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वायरल तस्वीर में एक महिला के सिर से खून निकल रहा है। पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है “हमारी लाश किसी को नज़र नही आती हमारे हाथ का पत्थर दिखाई देता है ! #SaveKashmir #Saveindia.”

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इस तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। सर्च में हमें www.nejatngo.org की एक खबर मिली जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था। ये खबर On Jan 2, 2010 को लिखी गयी थी और इसके अनुसार ये तस्वीर लेबनान की एक लड़की की है जब दक्षिण लेबनान के नाबातीह में आशूरा(मुहर्रम) का मातम मनाया गया था।

हमनें और ढूंढा तो हमें ये तस्वीर jafariyanews.com पर मिली। इस खबर को February 20, 2005 को पब्लिश किया गया था। इस खबर के अनुसार ये तस्वीर लेबनान के नाबातीह में आशूरा(मुहर्रम) के मातम जुलूस के दौरान की है।

हमनें ज़्यादा पुष्टि के लिए जम्मू कश्मीर की पुलिस पीआरओ मिनाक्षी वैद को ये तस्वीर भेजी। उन्होंने कहा कि ये फोटो कश्मीर की नहीं है। तस्वीर में पीछे बोर्ड पर पर्शियन में औस बीट अलहदी लिखा है। ये कश्मीरी भाषा नहीं है।

हमने और पुष्टि के लिए jafariyanews.com के UAE चीफ करोसपोंडेंट अहमद हम्मीदी से बात की। उन्‍होंने कन्फर्म किया कि ये तस्वीर उनकी वेबसाइट की ही है जिसे लेबनान में आशूरा के दौरान 2005 में खींचा गया था।

कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से बहुत सी फेक न्यूज़ कश्मीर के नाम पर फैलाई जा रहीं हैं। विश्वास ने भी ऐसी कई ख़बरों को डीबंक किया है। ऐसी कुछ ख़बरें आप नीचे पढ़ सकते हैं।

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इस तस्वीर को Shabeena Khan नाम के एक फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। इनके कुल 9,586 फेसबुक फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमनें अपनी पड़ताल में पाया कि ये तस्वीर असल में 2005 की है। ये तस्वीर लेबनान में 2005 में अशुरा (मुहर्रम) मातम के दौरान की है, कश्मीर की नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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