विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी भारतीय छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने वाली पोस्ट फर्जी है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। यूजर का डाटा इकट्ठा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। फेक मैसेज के साथ फिशिंग लिंक को वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक लिंक शेयर कर दावा किया जा रहा है कि शिक्षा मंत्रालय सभी भारतीय छात्रों को एक सरकारी योजना के तहत मुफ्त लैपटॉप दे रहा है। विश्वास न्यूज ने पाया कि यह मैसेज फर्जी है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। यूजर का डाटा इकट्ठा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। फेक मैसेज के साथ फिशिंग लिंक को वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Anbiyam Tube ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “आवश्यक सूचना, सरकार भारत की ओर से सभी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दिए जा रहे है। अभी मुफ़्त लैपटॉप प्राप्त करने के लिए अपना नाम सरकार-लैपटॉप साइट पर पंजीकृत करें। दिए गए लिंक पर क्लिक करिए।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने दावे की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए सबसे पहले पोस्ट में दिए गए लिंक को चेक करना शुरू किया। हमने लिंक पर क्लिक किया इस दौरान हमारे सामने एक ब्लॉग वेबसाइट खुलकर आ गई। जिस पर रजिस्टर्ड करने के लिए लिखा हुआ था। जब हमने रजिस्टर्ड पर क्लिक किया तो हम से नाम और शिक्षा स्तर भरने के लिए कहा गया। ये जानकारी भरने के बाद हमें इस लिंक को वॉट्सऐप पर अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करने के लिए कहा गया।
हमारी अब तक की पड़ताल में यह स्पष्ट होता है कि पोस्ट में दिया गया लिंक और फॉर्म दोनों ही फर्जी है, क्योंकि कोई भी सरकारी पोर्टल वॉट्सऐप के जरिए फॉर्म साझा करने के लिए नहीं कहता है। इसके अलावा एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हम से नाम और शिक्षा स्तर के अलावा कोई जानकारी नहीं मांगी गई, जबकि किसी भी सरकारी योजना के लिए आवेदन करने के लिए केवल इतनी जानकारी देना पर्याप्त नहीं है। किसी भी सरकारी योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए व्यक्ति को पहचान पत्र सहित कई विभिन्न दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं, लेकिन यहां पर हम से कोई जानकारी नहीं मांगी गई।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वेबसाइट के यूआरएल पर गौर किया तो पाया कि यह किसी सरकारी वेबसाइट का यूआरएल नहीं है। भारत में सरकारी वेबसाइट के यूआरएल के अंत में .gov.in लिखा होता है, लेकिन इसके यूआरएल के अंत में .blogspot.com लिखा हुआ है। लिंक पर क्लिक करते ही एक एरर शो होता है कि यह पेज सुरक्षित नहीं है। हमारे सिस्टम ने इस पेज को खोलने से पहले हमें चेतावनी दी कि यह आपकी निजी जानकारियों को चुरा सकता है।
हमने शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर इस योजना को सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई स्कीम नहीं मिली। मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर भी इस तरह की योजना का कोई ट्वीट नहीं है। पहले भी फ्री लैपटॉप का एक और मैसेज वायरल हुआ था, जिसमें भारत सरकार की तरफ से फ्री लैपटॉप देने की बात कही गई थी। पीआईबी ने 11 जुलाई 2022 को किए गए ट्वीट में इसका खंडन किया था। साथ ही इस तरह की वेबसाइट पर अपनी जानकारी शेयर नहीं करने की सलाह भी दी गई थी।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने दैनिक जागरण के एजुकेशन बीट को कवर करने वाले रिपोर्टर अर्पित त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। वहीं, साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल का कहना है, ‘साइबर ठग इस तरह के लुभावने मैसेज के साथ फिशिंग लिंक भेजकर लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। इस पर क्लिक करने से यूजर की पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है। अगर इस तरह की कोई योजना चलाई गई होती तो आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स पर जानकारी जरूर मिलती।‘
जांच के आखिरी चरण में हमने पोस्ट शेयर करने वाले पेज Anbiyam Tube का बैकग्राउंड चेक किया। हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर 5,110 फॉलोअर्स हैं। यह पेज फेसबुक पर 13 जुलाई 2020 से सक्रिय हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी भारतीय छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने वाली पोस्ट फर्जी है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। यूजर का डाटा इकट्ठा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। फेक मैसेज के साथ फिशिंग लिंक को वायरल किया जा रहा है।
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