Fact Check : बुलंदशहर में बच्‍चा चोरी के नाम पर वायरल हुआ पेरू का वीडियो

Fact Check : बुलंदशहर में बच्‍चा चोरी के नाम पर वायरल हुआ पेरू का वीडियो

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी का बुलंदशहर जिला बच्‍चा चोर की अफवाह से परेशान है। जिले के गांव-कस्‍बों से लेकर सोशल मीडिया में अफवाहों का बाजार गर्म है। इन्‍हीं अफवाहों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि 15 से 20 लोगों की टोली आई हुई है। इसमें बच्‍चे और महिलाएं भी शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि बुलंदशहर पुलिस ने जनहित में बच्‍चा चोरों से बचने के लिए एक अपील जारी की है।

विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो बुलंदशहर का नहीं, बल्कि पेरू का है। पांच साल पहले पेरू में पिरान्‍हा मछली ने एक 11 साल के बच्‍चे पर अटैक कर दिया था। जिसके कारण बच्‍चे की मौत हो गई थी। अब इस वीडियो को बुलंदशहर के नाम पर फैलाया जा रहा है। वहीं, बुलंदशहर पुलिस की ओर से बच्‍चा चोरों से बचने की नहीं, बल्कि अफवाहों से दूर रहने की अपील की गई है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पर सोनू सिरोही नाम के एक फेसबुक यूजर ने पेरू का एक पुराना वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया गया, ”अलर्ट…बुलंदशहर तिरवा, ठठिया, इंदरगढ, छिबरामऊ, तालग्राम, गुरसहायगंज, विशुनगढ अहमदगढ़ पहासू शिकारपुर थाना…ख़ासकर घरेलू महिलाओं से अनुरोध है किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोले! ना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें….।”

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्‍यान से देखा। 30 सेकंड के इस वीडियो की भाषा हिंदी नहीं थी। जबकि बुलंदशहर में हिंदी बोली जाती है। इसके अलावा वीडियो में दिख रहीं महिलाओं के कपड़े से भी हमें पता लगा कि वीडियो बुलंदशहर का नहीं हो सकता। इसके बाद विश्‍वास टीम ने वीडियो को InVID टूल में अपलोड करे कई ग्रैब निकाले। इन्‍हें फिर गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया।

हमें पुराना वीडियो डेलीमोशन डॉट कॉम पर मिला। सबसे पुराना वीडियो हमें लाइव लीक नाम की एक वेबसाइट पर मिला। 10 जनवरी 2015 में इस वीडियो को अपलोड किया गया था।

इसके अलावा दुनिया की कई वेबसाइट पर भी इससे जुड़ी खबर मिली। thelocalsociety.com पर 15 अगस्‍त 2015 में पब्लिश की गई एक खबर में बताया गया कि पेरू में हॉलिडे ट्रिप पर आए एक 11 साल के बच्‍चे पर पिरान्‍हा मछली ने हमला कर दिया। बॉडी उसी बच्‍चे की है।

वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई का पता लगाने के बाद हमने बुलंदशहर के अखबारों को खंगाला शुरू किया। हमें दैनिक जागरण के ईपेपर में एक खबर मिली। इस खबर में बताया गया कि सिर्फ बुलंदशहर ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी में बच्‍चा चोर को लेकर अफवाह उड़ी हुई है। बच्‍चा चोर के नाम पर निर्दोष लोगों को पीटने वाले कई लोगों को पकड़ा भी गया। बुलंदशहर पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रही है कि बच्‍चा चोरी करने का कोई गिरोह सक्रिय नहीं है। कुछ शरारती तत्‍वों ने पूरे प्रदेश में अफवाह फैलाकर भय का माहौन पैदा कर दिया है। किसी पर भी शक होने पर डायल 100 नंबर पर सूचित करें। कानून अपने हाथ में न लें।

इसके बाद हम बुलंदशहर पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। हमें बुलंदशहर पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। ओरिजनल ट्वीट आईजी मेरठ के ट्विटर हैंडल से किया गया था। इसे बुलंदशहर पुलिस ने रीट्वीट किया था। इसमें बताया गया कि सोशल मीडिया और अन्‍य माध्‍यमों से अफवाह फैलाई जा रही है कि कुछ गिरोह और व्‍यक्तियों के द्वारा छोटे बच्‍चों को किडनैप कर तस्‍करी की जा रही है। कुछ फोटो और वीडियो भी वायरल किए जा रहे हैं। किसी भी अफवाह पर कानून अपने हाथ में ना लें। ऐसी भीड़ का हिस्‍सा न बनें।

जब विश्‍वास टीम ने बुलंदशहर के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) संतोष कुमार सिंह से बात की तो उन्‍होंने हमें बताया कि पूरे जिले में बच्‍चा चोरों को लेकर अफवाह उड़ी हुई है। अब तक ऐसी अफवाह उड़ाने वाले छह लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है। इसके अलावा कई टीम तैनात करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि सचेत रहें, लेकिन अफवाह न उड़ाएं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि बुलंदशहर में बच्‍चा चोर का कोई गिरोह सक्रिय नहीं है। बुलंदशहर के नाम पर जिस वीडियो को अपलोड किया गया है, वह दक्षिण अमेरिका के देश पेरू का वीडियो है। कुछ साल पहले पेरू में पिरान्‍हा मछली ने 11 साल के बच्‍चे पर अटैक कर दिया था। जिसके बाद उस बच्‍चे की मौत हो गई। उसी वीडियो को अब बच्‍चा चोरी से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। दूसरी ओर, बुलंदशहर पुलिस ने बच्‍चा चोर की अफवाहों पर जनता से अपील की है कि लोग अफवाह न फैलाएं और न ही किसी के साथ मारपीट करें।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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