विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए यूके के एक डिजाइनर द्वारा बनाया है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पौधे का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पौधे को भाप छोड़ते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तमिलनाडु में पाए जाना वाला उधु पवई नामक एक पौधा है। यह पौधा विशेष रूप से वर्षा वन में उगता है! यह एक औषधि पौधा है। जो अपने परागकणों को ध्वनि से उड़ाता है! साथ ही ऐतिहासिक रेल इंजन की तरह “हफ एवं पफ” की ध्वनि निकालता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए यूके के एक डिजाइनर द्वारा बनाया है।
फेसबुक यूजर Prashant Tewari ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “तमिलनाडु मे पाए जाना वाले इस पौधे को उधु पवई के नाम से जाना जाता हैं, यह विशेष रूप से वर्षा वन मे उगता हैं! यह एक औषधी पौधा हैं जो अपने परागकाणो को ध्वनि से उड़ाया हैं! ऐतिहासिक रेल इंजिन की तरह ” हफ एवं पफ “की ध्वनि आवाज़ निकालता हैं।”
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई की-फ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें Luke Penry नामक एक ट्विटर अकाउंट पर यही वीडियो 17 सितंबर 2021 को अपलोड हुआ प्राप्त हुआ। इस ट्विटर प्रोफाइल को खंगालने के बाद हमने पाया कि Luke Penry एक 3D कलाकार है, जो कि इस तरह के डिजिटल साउंड आर्ट वीडियो बनाते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो डिजिटल आर्ट वर्क की लाइन नीलामी करने वाली वेबसाइट Foundation.app पर अपलोड हुआ मिला। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये एनिमेशन आर्टवर्क है, जिसे डिजाइनर ल्यूक पेनरी द्वारा बनाया गया है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने संबंधित कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट डिजाइनर ल्यूक पेनरी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 29 सितंबर 2021 को पोस्ट मिला। ल्यूक पेनरी ने एक ट्विटर यूजर को रिप्लाई करते हुए बताया है, “यह वीडियो मेरे द्वारा बनाया गया डिजिटल आर्ट वर्क है। यह एक असली पौधा है।” ल्यूक पेनरी ने 28 सितंबर 2021 को इस वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर आर्ट वर्क बताते हुए शेयर किया है।
अधिक जानकारी के लिए हमने वनस्पति विज्ञान की विशेषज्ञ और दिल्ली यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। इस तरह का कोई पौधा नहीं पाया गया है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर Prashant Tewari की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल वीडियो को एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए यूके के एक डिजाइनर द्वारा बनाया है।
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