Fact Check: ‘द फॉक्सी’ की व्यंग्य रिपोर्ट को लोगों ने सच मानकर किया शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में रक्त दान को लेकर वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘द फॉक्सी’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रक्तदान को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। पोस्ट में लिखा हुआ है कि रक्तदान करने गए युवक ने रक्तदान के बाद बिस्किट न मिलने पर खुद के खून की शीशी फिर से पी ली। सोशल मीडिया यूजर्स इस खबर को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘द फॉक्सी’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर रामजी मिश्रा ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मिटरोंन- दुखद है कि भ्रष्टाचार हमारे देश में किस कदर अपनी जड़ें जमा चुका है… भला बताओ, भ्रष्टाचारी अब इतने बेशर्म हो गए हैं कि रक्तदान के बाद बंटने वाले बिस्कुट-जूस तक नहीं छोड़ रहे हैं।”

सोशल मीडिया पर अन्य यूजर इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावों को शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी असली रिपोर्ट ‘द फॉक्सी’ की वेबसाइट पर 14 जून 2019 को प्रकाशित मिली। असली रिपोर्ट को पढ़ने के बाद हमें पता चला कि यह लेख हास्य-विनोद के मकसद से लिखा गया एक काल्पनिक आर्टिकल है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज़ ने ‘द फॉक्सी’ की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। वेबसाइट के अबाउट सेक्शन को खंगालने पर हमने पाया कि द फॉक्सी एक व्यंग्य वेब पोर्टल है। इस वेबसाइट पर प्रकाशित सभी खबरें और रिपोर्ट सिर्फ मनोरंजन के मकसद से लिखी गई है। इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। वेबसाइट द्वारा लिखे गए लेखों को सच न समझें।

यह पहली बार नहीं है, जब ‘द फॉक्सी’ की रिपोर्ट को लोग सच समझकर शेयर कर रहे हैं। पहले भी कई बार ‘द फॉक्सी’ को लेकर इस तरह के दावे वायरल हो चुके हैं। उनसे जुड़ी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने ट्विटर के जरिए ‘द फॉक्सी’ से संपर्क किया। ‘द फॉक्सी’ ने हमें बताया कि हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित सभी रिपोर्ट्स मजाकिया तौर पर मनोरंजन के लिए लिखी गई है। सारी पोस्ट केवल हास्य के लिए डाली गई है और इन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले रामजी मिश्रा की सोशल स्कैनिंग की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। रामजी मिश्रा को 217 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में रक्त दान को लेकर वायरल दावा फर्जी निकला। वायरल पोस्ट एक व्यंग्य है और उसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि हास्य-विनोद के मकसद से लिखे गए काल्पनिक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है। इस आर्टिकल को ‘द फॉक्सी’ नाम की वेबसाइट पर छापा गया था। यह वेबसाइट केवल काल्पनिक और व्यंग्यपूर्ण कहानियां प्रकाशित करती है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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