Fact Check: वायरल वीडियो में लड़ाई करते दोनों व्यक्ति टीडीपी के सदस्य थे, वायरल दावा फर्जी

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। इस वीडियो में लड़ाई करते दोनों व्यक्ति टीडीपी के सदस्य थे। यह वीडियो 2016 का है।

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें 2 व्यक्तियों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है। इसमें दावा किया जा रहा है कि ये दोनों तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जन सेना पार्टी (जेएसपी) के नेता हैं और आपस में लड़ रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल, ये दोनों व्यक्ति टीडीपी के सदस्य थे। यह वीडियो 2016 का है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘जशुवा मैक्सवेल‘ (आर्काइव लिंक) ने 5 अक्टूबर को इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “काकीनाडा में टीडीपी और जेएसपी नेताओं के बीच जबरदस्त लड़ाई।”

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस पर ढूंढा। हमें यह वीडियो 29 फरवरी 2016 को न्यूज एजेंसी ANI द्वारा किये गए एक ट्वीट में मिला। साथ लिखी जानकारी के अनुसार “गुंटूर जिले (आंध्र प्रदेश) की तेनाली नगर पालिका में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के 2 पार्षदों के बीच झड़प”

हमें इस वीडियो को लेकर कई ख़बरें मिलीं। इंडियन एक्सप्रेस की 29 फरवरी 2016 को पब्लिश खबर के अनुसार, अनुवादित “तेनाली नगरपालिका में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दो पार्षदों के बीच सोमवार को नगरपालिका परिषद हॉल में मारपीट हो गई। रिपोर्टों के अनुसार, पार्षद गुम्मडी रमेश और पसुपुलेटी त्रिमुरथुलु के बीच मिनट्स बुक की प्रविष्टियों को लेकर विवाद हो गया, जिनमें से एक ने आरोप लगाया कि वे भ्रामक थे।”

हमें इस मामले में एक वीडियो NDTV के यूट्यूब चैनल पर भी 1 मार्च 2016 को पब्लिश मिला। यहाँ मौजूद जानकारी के अनुसार भी दोनों व्यक्ति टीडीपी के ही थे।

हमने इस विषय में पुष्टि के लिए एशियानेट तेलुगु के पत्रकार श्रीहर्षा से बात की। उन्होंने भी कन्फर्म किया कि वीडियो में दिख रहे दोनों व्यक्ति टीडीपी के ही थे  और वीडियो 2016 का है।

अंत में हमने भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर  ‘जशुवा मैक्सवेल‘ (Jashuva Maxwell) के प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के फेसबुक पर 5000 फॉलोअर्स हैं। यूजर आंध्र प्रदेश का रहने वाला है।  

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। इस वीडियो में लड़ाई करते दोनों व्यक्ति टीडीपी के सदस्य थे। यह वीडियो 2016 का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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