Fact Check: स्क्रिप्टेड वीडियो को लोग सच्ची घटना मानकर सोशल मीडिया पर कर रहे शेयर 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में बुर्का पहने एक महिला फलों और सब्जियों से भरे एक बास्केट को सिर पर उठाकर लेकर जा रही होती है, लेकिन बास्केट भारी होने के कारण गिर जाती है। फिर वो महिला एक-एक कर अपने सामान को बास्केट में रखने लगती है। कई लोग वहां से गुजरते हैं और उसको देखते हैं, लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं करता है। इतनी ही देर में एक शख्स हनुमान भगवान की वेशभूषा पहने वहां पर साइकिल पर बैठकर आता है और महिला की मदद करने लगता है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को सच मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Kya Hua Tera Vada ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “ ये मुस्लिम महिला सर पर भारी बोझ ले जा रही थी. गिरा, तो हनुमान जी ने मदद की और सामान साइकिल पर रखा. मुस्लिम महिला ने उनकी गदा पकड़ी।”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल वीडियो को गौर से देखा। इसे देखने के बाद हमें वायरल वीडियो के स्क्रिप्टेड होने का संदेह हुआ। फिर हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 3 मई 2022 को 3RD EYE नाम से यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिली। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जिसका मकसद लोगों को जागरूक करना है।

https://www.youtube.com/watch?v=narxL8jok6U

इसके बाद 3RD EYE यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाता है। कई वीडियोज मजाकिया मुद्दों पर आधारित होते हैं, तो वहीं कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं। इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने 3RD EYE पेज को चलाने वाले राहुल कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो को लोगों ने सच मानकर शेयर किया हो। पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। हमारे द्वारा किए गए ऐसे अन्य फैक्ट चेक को आप यहां पर पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के दौरान हमें ये वीडियो Poonam Bajwa नामक एक फेसबुक पेज पर 7 जुलाई  2017 को अपलोड मिला। Poonam Bajwa ने वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा हुआ है कि इस पेज पर स्क्रिप्टेड, ड्रामा और पैरोडीज वीडियोज हैं। इनको जागरूकता के लिए बनाया गया है। इस फेसबुक पेज को खंगालने के बाद हमने पाया कि Poonam Bajwa अक्सर इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो शेयर करती रहती हैं।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर दिल्ली का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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