Fact Check : कलाकरों द्वारा बनाए गए स्क्रिप्टेड वीडियो को लोग सच मानकर कर रहे शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो कलाकारों द्वारा लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर नमाज पढ़ती महिला की मदद करते साधु का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक औरत सड़क के किनारे नमाज अदा कर रही है, इसी बीच एक युवक आकर उसके पर्स से सामान चोरी करने की कोशिश करता है। तभी एक साधु पीछे से आकर उस चोर को पकड़ लेता है और महिला का सामान चोरी होने से बचा लेता है। कुछ ही देर बात चोर साधु को धक्का मारकर भागने में कामयाब हो जाता है। जब महिला नमाज पढ़कर उठती है, तो साधु उसे उसका पर्स वापस कर देता है। फिर महिला उसे पैसे देने की कोशिश करती है, लेकिन साधु महिला को आशीर्वाद देकर चला जाता है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को सच मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर The Dream ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “ हिंदू बाबा ने एक मुस्लिम महिला को बचाया।”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो प्रिया नामक एक वेरिफाइड फेसबुक अकाउंट पर 6 जून 2017 को अपलोड मिला। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जिसका मकसद लोगों को जागरूक करना है। साथ ही वीडियो के अंत में डिस्केलमर भी दिया गया है कि यह वीडियो कलाकारों द्वारा लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाया गया है।

इसके बाद प्रिया के पेज को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाता है। कई वीडियोज मजाकिया मुद्दों पर आधारित होते हैं, तो वहीं कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं। इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने प्रिया से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया- वायरल दावा गलत है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो को लोगों ने सच मानकर शेयर किया हो। पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। हमारे द्वारा किए गए ऐसे अन्य फैक्ट चेक को आप यहां पर पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। यूजर की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर को फेसबुक पर पांच सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यह पेज फेसबुक पर 13 मार्च 2020 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो कलाकारों द्वारा लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाया गया है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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