Fact Check: पुंगनूर गाय बता कर लोग शेयर कर रहे हैं गुजरात की गिर गाय का वीडियो

नई दिल्‍ली विश्‍वास न्‍यूज। सोशल मीडिया पर आजकल एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक गाय को देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में एक विशेष गाय की प्रजाति को लेकर दावा किया जा रहा है कि तिरुपति मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए इसी विशेष गाय का दूध इस्तेमाल किया जाता है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही यह गाय पुंगनूर गाय हैं और वो रोज 100 किलो दूध देती है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावे गलत हैं। तिरुपति मंदिर के गौशाला के एडमिनिस्ट्रेटर के अनुसार मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए सभी गायों का दूध इस्तेमाल किया जाता है। वीडियो में दिख रही गाय पुंगनूर गाय नहीं, बल्कि गुजरात की गिर गाय है। हमने जाँच में ये भी पाया कि गिर गाय दिन में 100 किलो नहीं, बल्कि 12-13 किलो दूध ही देती है, जबकि पुंगनूर गाय दिन का सिर्फ 2-3 किलोग्राम दूध देती है। हमने इस क्लेम को लेकर पहले भी एक फेक न्यूज़ का पर्दाफाश किया था, उस खबर को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

CLAIM

वायरल वीडियो में एक बड़ी सी गाय को भागते देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावे में लिखा है “यह गाय प्रतिदिन करीब 100 लीटर दूध देती है। यह पुंगनुर गाय है। केवल इसी गाय के दूध से ही तिरुपति भगवान का अभिषेक होता है। इसको देखना बहुत ही शुभ माना गया है।”

FACT CHECK

इस वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो में दिख रही गाय का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। खोजने पर हमारे हाथ डीडी न्यूज़ के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से अपलोडेड एक वीडियो लगा। इस वीडियो को Jul 24, 2017 को अपलोड किया गया था। वीडियो में शुरुआत में ही इस गाय को देखा जा सकता है। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है “गुजरात में पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गिर गाय अभयारण्य की स्थापना की जा रही है। गिर गाय के कई फायदे हैं। ब्राज़ील के एक शोधकर्ता डॉ होसे ओतावियो लेमोस ने पीएम को इन गायों पर लिखी एक किताब भेंट की।”

https://www.youtube.com/watch?v=M_ujVZqJr5U

ज़्यादा पड़ताल के लिए हमने तिरुपति मंदिर के एडमिनिस्ट्रेशन में कॉल किया। एडमिन मैनेजर रविशेखर ने हमें बताया “भगवान् के अभिषेक के लिए इस्तेमाल होने वाला दूध किसी एक विशेष गाय की प्रजाति का नहीं होता, बल्कि सभी गायों की प्रजातियों का मिश्रण होता है।” हमें बताया गया कि तिरुपति मंदिर में इस्तेमाल किया जाने वाला दूध श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट की गौशाला से आता है।

इसके बाद हमने श्री वेंकटेश्वर गोसंरक्षणम ट्रस्ट के एडमिनिस्ट्रेटर रामलिंगम रेडी से फोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया की उनकी गौशाला में ओंगोल, गिर, साहिवाल जैसी कई गायों की प्रजातियों की गाय हैं। उन्होंने हमें बताया कि उनकी गौशाला में पुंगनूर गाय भी है पर क्योंकि यह नस्ल विलुप्त होने के करीब है इसलिए इन्हें संरक्षण में रखा जाता है। हमने उनके साथ वायरल वीडियो भी शेयर करा जिसपर उन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रही गाय गिर गाय है। पुंगनूर गाय छोटी होती है, जबकि वीडियो में देख रही गाय काफी बड़ी है। ये देखने में ब्राज़ील हाइब्रिड गिर लग रही है।

इस वीडियो को कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Ram Sanehi नाम का फेसबुक प्रोफाइल।

निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावे गलत हैं। तिरुपति मंदिर के गौशाला के एडमिनिस्ट्रेटर के अनुसार, मंदिर में भगवान के अभिषेक के लिए सभी गायों का दूध इस्तेमाल किया जाता है। वीडियो में दिख रही गाय पुंगनूर गाय नहीं,बल्कि गुजरात की गिर गाय है। हमने जाँच में ये भी पाया कि गिर गाय दिन में 100 किलो नहीं, बल्कि 12-13 किलो दूध ही देती है। पुंगनूर गाय दिन का सिर्फ 2-3 किलोग्राम दूध देती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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