Fact Check : करीब दो साल पहले पटियाला में हुई झड़प का वीडियो हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर किया जा रहा वायरल
पंजाब के पटियाला में करीब दो साल पहले काली माता मंदिर के पास दो गुटों में झड़प हुई थी। उस घटना के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Feb 15, 2024 at 06:50 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर फिर से शुरू हुए किसान आंदोलन से जोड़कर कई पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। विश्वास न्यूज की जांच में कुछ दावे फर्जी व भ्रामक साबित हो चुके हैं। अब सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स एक वीडियो शेयर कर उसे हालिया किसान आंदोलन से जोड़ रहे हैं। वीडियो में कुछ सिखों को दुकानों पर हमला करते देखा जा सकता है। इनमें से एक दुकान पर प्रसाद भंडार लिखा हुआ है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल, अप्रैल 2022 में पटियाला में खालिस्तान समर्थकों और शिवसैनिकों में टकराव हो गया था। उस घटना के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Maulik Ramani (आर्काइव लिंक) ने 15 फरवरी को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
“खालिस्तानी किसान आंतकियों ने मन्दिर पर किया हमला। ये कैसे किसान है?”
एक्स यूजर Bhaskar Mishra (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने इसके कीफ्रेम निकालकर गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। Shubhangi Sharma (आर्काइव लिंक) नाम की एक्स यूजर ने 30 अप्रैल 2022 को वीडियो को पोस्ट करते हुए इसे पटियाला का बताया है। मतलब यह वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है।
इसके बाद कीवर्ड से हमने इस बारे में गूगल पर सर्च किया। 29 अप्रैल 2022 को दैनिक जागरण के यूट्यूब चैनल पर इस बारे में वीडियो न्यूज अपलोड की गई है। शिवसेना के खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के विरोध में पटियाला में शिवसैनिक और खालिस्तान समर्थक आमने-सामने आ गए। काली माता मंदिर के बाहर काफी संख्या में खालिस्तान समर्थक जमा हो गए। इस झड़प में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ था।
29 अप्रैल 2022 को एएनआई (आर्काइव लिंक) के एक्स हैंडल पर इससे संबंधित जानकारी को देखा जा सकता है। इसके अनुसार, पंजाब के पटियाला में काली देवी मंदिर के पास दो गुटों मे टकराव हो गया।
आज तक के यूट्यूब चैनल पर भी 29 अप्रैल 2022 को इस बारे में वीडियो न्यूज अपलोड है। इसमें बताया गया कि काली माता मंदिर के पास शिवसैनिक और खालिस्तान समर्थक भिड़ गए थे।
न्यूज वीडियो में इस्तेमाल की गई फुटेज दूसरे एंगल से बनाए गए वीडियो की है। हालांकि, ध्यान से देखने पर इन दोनों ही वीडियो में कुछ युवक एक जैसे वस्त्रों में दिख रहे हैं।
इस बारे में पटियाला में दैनिक जागरण के रिपोर्टर गौरव सूद का कहना है कि वायरल वीडियो करीब दो साल पुराना है। अभी हाल में यहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। सूरत के रहने वाले यूजर के करीब 6 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: पंजाब के पटियाला में करीब दो साल पहले काली माता मंदिर के पास दो गुटों में झड़प हुई थी। उस घटना के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
- Claim Review : दुकानों को तोड़ रहे लोगों का यह वीडियो किसान आंदोलन से संबंधित है।
- Claimed By : FB User- Maulik Ramani
- Fact Check : भ्रामक
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