महिला की साथ बर्बरता की यह घटना पाकिस्तान के सियालकोट में जनवरी 2022 में हुई थी। आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय के थे। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर महिला के साथ बर्बरता का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 1.21 सेकंड के इस वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान में हिंदू महिला के साथ मारपीट की गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि घटना पाकिस्तान के सियालकोट की है। इसमें पीड़िता और आरोपी, दोनों एक ही समुदाय के हैं।
फेसबुक यूजर Hiralal Narware (आर्काइव लिंक) ने 28 अगस्त को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
एक ओर अफगानिस्तान ने बेटियों के विदेशों में भी पढ़ने को प्रतिबंधित कर दिया तो वहीं पाकिस्तान हिंदू महिलाओं के साथ दरिंदगी पर उतर आया..
जिहादियों की महिलाद्रोही मानसिकता नहीं बदल सकती!!
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने गूगल के इनविड टूल से कीफ्रेम निकाला। इसको गूगल रिवर्स इमेज से सर्च करने पर ट्विटर यूजर Sahibzada Jawad Nizami (आर्काइव लिंक) का ट्वीट मिला। 9 जनवरी 2022 को वायरल वीडियो को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है कि मामला सियालकोट का है। वहां कुछ दबंगों ने महिला के साथ बर्बरता की है।
इसमें हमें पाकिस्तान की पंजाब पुलिस का जवाब भी मिला, जिसमें कहा गया है कि सियालकोट पुलिस ने इस मामले में चार महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है, बाकी आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।
कीवर्ड से इसे गूगल पर तलाशने पर हमें जियो डॉट टीवी और जीएनएनएचडी डॉट टीवी पर भी यह खबर मिली। इनके मुताबिक, सियालकोट में एक महिला को बुरी तरह पीटा गया है। भूमि विवाद में हुई इस घटना का किसी ने वीडियो बना लिया। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
10 जनवरी को Dawn में छपी खबर के अनुसार, भूमि विवाद में महिला से मारपीट के मामले में पुलिस ने 15 लोगों पर केस दर्ज किया है। इनमें से नौ आरोपियों को पुलिस पकड़ चुकी है। मुनव्वर कंवल और नसरीन बीबी दो गुटों से संबंध रखती हैं। नसरीन के रिश्तेदारों ने मुनव्वर से मारपीट की थी। मुनव्वर की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरिफ, तिमोर कासिम, नूर हुसैन, हैदर अली, मुबाशिर अली, जीशान अली, असद अली, साजिद हुसैन और यास्मिन बीबी को गिरफ्तार कर लिया है।
इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने पाकिस्तान में ‘न्यूज 92’ के वरिष्ठ पत्रकार आरिफ महमूद से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, ‘मामला भूमि विवाद का था। पीड़िता का नाम मुनव्वर था और वह हिंदू महिला नहीं है। दोनों एक ही समुदाय के हैं।‘
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘हीरालाल नरवारे‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह मुंबई में रहते हैं और नवंबर 2012 से फेसबुक पर सक्रिय हैं।
निष्कर्ष: महिला की साथ बर्बरता की यह घटना पाकिस्तान के सियालकोट में जनवरी 2022 में हुई थी। आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय के थे। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है।
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