विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पगोडा फूल के नाम से वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में नजर आ रहा फूल फॉक्सटेल लिली है, जिसे खिलते हुए दिखाया गया है। ये फूल यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर फूल के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह “पगोडा फूल” या “महा मोलू” है, जो तिब्बत का एक अनोखा और शुभ फूल है। यह फूल हिमालय पर 400 साल में एक बार देखने को मिलता है। हमारी पीढ़ी काफी भाग्यशाली है, जो इस अनोखे और शुभ फूल को देख पाई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में नजर आ रहा फूल फॉक्सटेल लिली है, जिसे खिलते हुए दिखाया गया है। ये फूल यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।
फेसबुक यूजर बीयट्रिस लिम ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, यह तिब्बत में पाए जाने वाला अनोखा ‘पगोडा फूल’ है। ये फूल हिमालय में हर 400 साल में एक बार उगता है। हमारी पीढ़ी काफी भाग्यशाली है, जो इस अनोखे और शुभ फूल को देख पाई है। इस वीडियो को आगे भी शेयर करें, ताकि और भी लोग इसे देख पाएं।
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो एस एस क्रिएशन्स नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फॉक्सटेल लिली फूल है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें फॉक्सटेल लिली की कई तस्वीर इमेज स्टॉक रखने वाली वेबसाइट शटरस्टॉक पर अपलोड हुई मिली।
गूगल पर फॉक्सटेल लिली के बारे में सर्च करने पर हमें इससे जुड़ा एक लेख बीबीसी की गार्डेनर्स वर्ल्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित मिला। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से फॉक्सटेल लिली को उगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सटेल लिली को एरेमुरस भी कहा जाता है। यह बारहमासी फूल है, जो जून या जुलाई में अपने प्रभावशाली फूलों के स्पाइक्स के लिए उगाए जाते हैं। फॉक्सटेल लिली लगभग तीन सप्ताह तक खिलती है। इस फूल में 100 से अधिक कलियां होती हैं। यह फूल यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है। फॉक्सटेल लिली 40 अलग-अलग प्रकार की होती हैं।
पगोडा फूल के बारे में सर्च करने पर हमें नेशनल पार्क की वेबसाइट पर इस फूल से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फूल जीनस क्लेरोडेंड्रम और परिवार लैमियासीए के परिवार का हिस्सा है। यह एशिया में पाए जाने वाला फूल है।
अधिक जानकारी के लिए हमने सोलन के नौणी स्थित डॉ. वाइएस परमार फॉरेस्ट्री और हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. सोम देव शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह फूल 400 साल में एक बार पाये जाने वाला ‘पगोडा फूल’ या ‘महा मोलू’ फूल नहीं है, बल्कि यह फॉक्सटेल लिली है। यह फूल आसानी से आपको यूरोप और एशिया के कई शहरों में मिल जाएगा। यूके के कई शहरों में इसे उगाया जाता है।
विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाली फेसबुक यूजर बीयट्रिस लिम की सोशल स्कैनिंग की। फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 3 हजार से अधिक फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पगोडा फूल के नाम से वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो में नजर आ रहा फूल फॉक्सटेल लिली है, जिसे खिलते हुए दिखाया गया है। ये फूल यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।