Fact Check : नीरव मोदी के नाम से एक बार फिर फर्जी बयान हुआ वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। नीरव मोदी ने इस तरह का कोई बयान लंदन की अदालत में नहीं दिया है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर कई सालों से अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने पहले भी इस दावे की पड़ताल कर इसे फेक साबित किया है।

Fact Check : नीरव मोदी के नाम से एक बार फिर फर्जी बयान हुआ वायरल 

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर नीरव मोदी को लेकर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि नीरव मोदी ने लंदन कोर्ट में यह बयान दिया है कि उसने कमीशन के तौर पर भारतीय जनता पार्टी को 546 करोड़ रुपए दिए हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। नीरव मोदी ने इस तरह का कोई बयान लंदन की अदालत में नहीं दिया है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर कई सालों से अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने पहले भी इस दावे की पड़ताल कर इसे फेक साबित किया है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर Munmohan Mishra ने 14 अप्रैल 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट पर लिखा हुआ है, “नीरव मोदी का लंदन कोर्ट में खुलासा..546 करोड़ अमीशन दिया भाजपा नेताओं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट आजतक की वेबसाइट पर मिली। 21 मार्च 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में नीरव मोदी को गिरफ्तार की गया था। तब से वहां की जेल में बंद है, लंदन की अदालत में उसे लेकर केस जारी है। लंदन की अदालत और ब्रिटेन सरकार ने नीरव मोदी को भारत ले जाने की मंजूरी दे दी है।

सर्च के दौरान हमें नीरव मोदी की हालिया हालत की एक रिपोर्ट एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर 13 मार्च 2023 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, “नीरव मोदी के पास इतना भी धन नहीं है कि वो 150,247 पाउंड (करीब 1.47 करोड़ रुपये) का जुर्माना भर सके। इसके लिए उसे रकम उधार लेना पड़ रही है। भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर नीरव मोदी ने कहा था कि भारत में मेरी जान खतरे में पड़ जाएगी, मैं वहां नहीं जाउंगा।”

साल 2019 और 2021 में यह दावा वायरल हुआ था। उस दौरान हमने दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। 

विश्‍वास न्‍यूज ने भाजपा के राज्य प्रवक्ता अवनीश त्यागी से बात की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वायरल दावा गलत है। यह पहली बार नहीं है, जब भाजपा के बदनाम करने के लिए यह दावा वायरल हुआ हो। पहले भी कई बार ये दावा सोशल मीडिया पर बीजेपी की छवि खराब करने के लिए शेयर किया गया है। 

पड़ताल के अंत में हमने वायरल पोस्ट को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल की सोशल स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को फेसबुक पर 62 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। नीरव मोदी ने इस तरह का कोई बयान लंदन की अदालत में नहीं दिया है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर कई सालों से अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज ने पहले भी इस दावे की पड़ताल कर इसे फेक साबित किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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